Nashik Lok Sabha becomes Mahayuti’s headache : नाशिक बना महायुति का सिरदर्द! शांतीगिरी महाराज ने भरा निर्दलीय पर्चा
Nashik Lok Sabha becomes Mahayuti’s headache : नाशिक लोकसभा क्षेत्र से कौन लड़ेगा चुनाव? इस पर अभी तक महायुति ने कोई फैसला नहीं लिया है.आवेदन प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी रहस्यमयी स्थिति बनी हुई है। अब इसमें नया मोड़ आ गया है और महायुति का सिरदर्द बढ़ने वाला है. शांतिगिरी महाराज ने नाशिक से निर्दलीय पर्चा भरा है. शांतिगिरी महाराज ने इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी। माना जा रहा था कि वह शिवसेना(शिंदे) से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. लेकिन,अब जब उन्होंने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया है तो महायुति की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.
शांतिगिरी महाराज कौन हैं?
सोमेश शांतिगिरि महाराज श्री जनार्दन स्वामी के उत्तराधिकारी हैं। नाशिक जिले में उनको मानने वाला एक बड़ा समुदाय है. इसी आधार पर वह चुनाव मैदान में उतरे हैं. वह पहले ही ईश्वर, देश और धर्म के लिए चुनाव लड़ने के अपने संकल्प की घोषणा कर चुके हैं। जब इनको महायुति के किसी भी पार्टी से नामांकन नहीं मिला तब जाकर उन्होंने निर्दलीय पर्चा भरा है.
शांतिगिरि महाराज पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि उनके प्रचार के लिए कई साधु-संत नाशिक आएंगे. अगर हिंदुत्व में विश्वास रखने वाला वोटर उनके पक्ष में चला गया तो महायुति की मुश्किल बढ़ सकती है. नाशिक में शिंदे शिवसेना के हेमंत गोडसे सांसद हैं. पिछले 10 साल से सांसद रहे गोडसे इस साल एक बार फिर इस सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं.
नाशिक के लिए वरिष्ठ राकांपा नेता छगन भुजबल के नाम पर भी चर्चा की गई। भुजबल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उनके नाम पर जोर दे रहे हैं। नाशिक सीट पर बीजेपी के 3 विधायक हैं. इसलिए बीजेपी भी इस सीट पर चुनाव लड़ने पर जोर लगा रही है.
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