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Marathi Controversy 2025: “मराठी बोलो, तभी पैसा मिलेगा!”, मुंबई में डिलीवरी बॉय से भाषाई भेदभाव का मामला

Marathi Controversy 2025: "मराठी बोलो, तभी पैसा मिलेगा!",
Marathi Controversy 2025: "मराठी बोलो, तभी पैसा मिलेगा!",
मुंबई, 13 मई 2025 – देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के भांडुप इलाके से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक डोमिनोज़ पिज्जा के डिलीवरी बॉय को सिर्फ इसलिए पिज्जा का भुगतान नहीं मिला क्योंकि वह मराठी (Marathi) भाषा में बातचीत नहीं कर सका।

यह घटना भांडुप की साई राधे बिल्डिंग की है। डिलीवरी बॉय रोहित लेवरे, जो कि डोमिनोज़ पिज्जा में काम करता है, एक आम ऑर्डर की डिलीवरी करने पहुँचा था। लेकिन वहां जो हुआ, वह न सिर्फ अस्वीकार्य है बल्कि भाषाई असहिष्णुता का उदाहरण भी बन गया है।

ग्राहक ने रोहित से साफ-साफ कहा कि “मराठी में बात करो, तभी पैसे दूंगा।” जब रोहित ने मराठी (Marathi) में संवाद करने में असमर्थता जताई, तो ग्राहक ने भुगतान करने से इनकार कर दिया।

पूरा मामला डिलीवरी बॉय ने रिकॉर्ड किया
डिलीवरी बॉय रोहित लेवरे ने पूरी घटना को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड कर लिया। वायरल हो रहे इस वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि ग्राहक रोहित से कहता है, “मराठी (Marathi) मधीच बोलावं लागेल, नाही तर पैसे नाही.” यानी “मराठी में ही बोलना होगा, नहीं तो पैसे नहीं मिलेंगे।”

रोहित ने ग्राहक को शांत करने की बहुत कोशिश की, लेकिन ग्राहक का रवैया आक्रामक होता गया। आखिरकार, रोहित को बिना पैसे लिए ही लौटना पड़ा।

डोमिनोज़ इंडिया की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस पूरे मामले पर अब तक डोमिनोज़ इंडिया की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन उम्मीद है कि कंपनी इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर उचित कार्रवाई करेगी, जिससे भविष्य में किसी भी डिलीवरी एजेंट को इस प्रकार की स्थिति का सामना न करना पड़े।

Dominos Delivery boy controversy in Marathi
Dominos Delivery boy controversy in Marathi

भाषाई विविधता या मजबूरी?
भारत एक बहुभाषी देश है और मुंबई में मराठी, (Marathi) हिंदी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, और अंग्रेज़ी सहित कई भाषाएं बोली जाती हैं। ऐसे में किसी भी एक भाषा को अनिवार्य बनाना न केवल गलत है, बल्कि संविधान के उस मूलभावना के भी खिलाफ है, जो विविधता में एकता की बात करता है।

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प्रशासन से अपील
मामला अब स्थानीय पुलिस और प्रशासन के ध्यान में लाया जा रहा है। कई सामाजिक संगठनों ने भी इस पर आवाज़ उठाई है और मांग की है कि इस ग्राहक के खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए।

 

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