महाराष्ट्र सरकार ने ई-बाइक टैक्सी सेवा की अनुमति दी, लेकिन मुंबई में 57 अनधिकृत टैक्सियों पर कार्रवाई हुई। रिक्शा चालकों ने रोज़गार पर खतरे की आशंका जताई।
मुंबई, 31 अगस्त: महाराष्ट्र सरकार ने शहरी परिवहन में ई-बाइक टैक्सी सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है। इस पहल का उद्देश्य युवाओं के लिए स्वरोज़गार के अवसर पैदा करना और छोटी दूरी की यात्रा के लिए यात्रियों को सस्ती व पर्यावरण-अनुकूल सुविधा उपलब्ध कराना है। हालांकि, इस योजना के लागू होने से पहले ही कई विवाद और चुनौतियाँ सामने आ रही हैं।
🚨 अनधिकृत ई-बाइक टैक्सियों पर कार्रवाई
आधिकारिक नीति लागू होने से पहले ही मुंबई और अन्य शहरों में बिना अनुमति ई-बाइक टैक्सियाँ चल रही हैं। परिवहन विभाग ने विशेष अभियान में 57 बाइक टैक्सियों पर कार्रवाई की और करीब ₹1.5 लाख का जुर्माना वसूला। विभाग का कहना है कि लाइसेंस प्राप्त किए बिना कोई भी कंपनी यात्री परिवहन सेवा नहीं चला सकती।
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📑 लाइसेंस प्रक्रिया और देरी
राज्य में चार कंपनियों ने ई-बाइक टैक्सी सेवा शुरू करने के लिए एग्रीगेटर लाइसेंस के प्रस्ताव दिए थे। लेकिन इनमें त्रुटियाँ मिलने पर विभाग ने उन्हें रद्द कर दिया और दोबारा आवेदन करने के निर्देश दिए। इससे मुंबई और पुणे जैसे शहरों में सेवा शुरू होने में देरी हो सकती है। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि “प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और कानूनी होगी। बिना अनुमति सेवाएँ चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।”
🚖 रिक्शा चालकों की चिंता और विरोध
ई-बाइक टैक्सी सेवा की घोषणा से रिक्शा चालकों में नाराज़गी है। उनका कहना है कि इस सेवा से उनकी रोज़ी-रोटी प्रभावित होगी और यात्री रिक्शा छोड़कर ई-बाइक टैक्सी की ओर रुख करेंगे। कई रिक्शा संघों ने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
ई-बाइक टैक्सी सेवा शहरी परिवहन में बड़ा बदलाव ला सकती है। यह सुविधा सस्ती, पर्यावरण-अनुकूल और युवाओं के लिए रोज़गार का साधन होगी। लेकिन इसे शुरू करने से पहले सरकार को रिक्शा चालकों की चिंताओं का समाधान करना होगा और लाइसेंसिंग प्रक्रिया पारदर्शी बनानी होगी, ताकि सेवा संतुलित और विवाद-मुक्त रूप से लागू हो सके।
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