मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक (New India Co-operative Bank Scam) में हुई वित्तीय अनियमितताओं के मामले में फरार आरोपी कपिल देधिया को गिरफ्तार कर लिया है। वह लंबे समय से इस घोटाले में वांछित था और आखिरकार कल वडोदरा में एक समन्वित अभियान के तहत उसे धर दबोचा गया। उसे आज मुंबई लाया गया, जहां सुबह 11:30 बजे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे 19 मार्च 2025 तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
जांच में सामने आया है कि कपिल देधिया के खाते में ₹12 करोड़ की राशि जमा की गई थी, जो बैंक से हेराफेरी कर निकाली गई धनराशि का हिस्सा है। जांच के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि इस धनराशि का एक हिस्सा धर्मेश पौन, जो धर्मेश रियल्टी का बिल्डर है, से प्राप्त हुआ था। वहीं, एक अन्य वांछित आरोपी अरुणाचलम ने भी कपिल देधिया को धनराशि हस्तांतरित की थी। इसके अलावा, उसे कथित रूप से हितेश मेहता से भी धन प्राप्त हुआ था।
EOW की टीम इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि पूरे फंड फ्लो का पता लगाया जा सके और अन्य दोषियों की पहचान की जा सके। इस घोटाले में शामिल हर व्यक्ति को न्याय के कठघरे में लाने के लिए आर्थिक अपराध शाखा पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जांच जारी है और आने वाले दिनों में और खुलासे होने की संभावना है।