ढाका। म्यांमार की सेना द्वारा रखाइन प्रांत में 3 अप्रैल को किए गए हवाई हमले में 20 लोगों की मौत हो गई जबकि 50 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। इस बात की जानकारी रोहिंग्या समुदाय के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले एक समूह ने दी है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अराखान रोहिंग्या सोसायटी फॉर पीस एंड ह्यूमैन राइट्स (एआरएसपीएस) ने कहा कि फॉन न्यो लेक के पास झरना में रोहिंग्या समुदाय के निर्दोष ग्रामीण बांस इकट्टा कर रहे थे तभी म्यांमार सेना के हेलीकॉप्टर से उन पर हमले किए गए। एआरएसपीएच ने आगे अपने एक बयान में कहा कि इस हमले में 20 से ज्यादा लोग मारे गए और 50 से अधिक लोग जख्मी हो गए। बमबारी में अनेक लोगों की बाहें और टांगे उड़ गईं।
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2017 में किया गया था एआरएसपीएच का गठन
बता दें कि एआरएसपीएच का गठन 2017 में पूर्व स्कूल अध्यापक मोहम्मद मोहिबुल्ला की अध्यक्षता में रोहिंग्या समुदाय के पलायन के बाद किया गया। एआरएसपीएच ने कहा कि हालांकि सेना ने पांच अप्रैल को एक बयान जारी करते हुए कहा कि छह रोहिंग्या मारे गए क्योंकि वे एक आतंकी गुट के साथ काम कर रहे थे। गौरतलब है कि रखाइन और आराकन इलाके में बसे रोहिंग्या समुदाय के लोगों को म्यांमार की सेना अलगाववादी और आतंकी समूह के तौर पर देखते है। म्यांमार सरकार ने कई आतंकी गतिविधियों में रोहिंग्या समुदाय के लोगों के शामिल होने की बात करते हुए उनपर कार्रवाई की है। लिहाजा लाखों की संख्या में रोहिंग्या समुदाय के लोग बांग्लादेश व भारत में अवैध तरीके से घुसपैठ कर रह रहे हैं।
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