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महाराष्ट्र सरकार ने 5 ज्योतिर्लिंग तीर्थक्षेत्रों के विकास के लिए वरिष्ठ IAS अधिकारियों की नियुक्ति की

ज्योतिर्लिंग मंदिरों के विकास की निगरानी के लिए नियुक्त IAS अधिकारी
ज्योतिर्लिंग मंदिरों के विकास की निगरानी के लिए नियुक्त IAS अधिकारी

राज्य सरकार ने भीमाशंकर, त्र्यंबकेश्वर, औंढा नागनाथ, परळी वैजनाथ और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग तीर्थक्षेत्रों के समग्र विकास की निगरानी और समन्वय के लिए 5 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति की है।

मुंबई, 6 अगस्त:मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के 5 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों के तीर्थक्षेत्र विकास योजनाओं के लिए उच्च स्तरीय प्रशासनिक निगरानी की पहल की है। इस दिशा में शासन ने पहली बार मंत्रालय स्तर से समन्वय और क्रियान्वयन सुनिश्चित करने हेतु वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति की है। ये अधिकारी संबंधित तीर्थस्थलों पर हो रहे कार्यों की नियमित समीक्षा कर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपेंगे।

  • किस मंदिर के लिए कौन अधिकारी?

    • भीमाशंकर (पुणे): सामान्य प्रशासन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वी. राधा

    • त्र्यंबकेश्वर (नाशिक): वित्त विभाग के प्रधान सचिव सौरभ विजय

    • औंढा नागनाथ (हिंगोली): प्रधान सचिव ऋचा बागला

    • परळी वैजनाथ (बीड): ओबीसी कल्याण विभाग के सचिव आप्पासाहेब धुळाज

    • घृष्णेश्वर (छत्रपती संभाजीनगर): उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव बी. वेणुगोपाल रेड्डी

    इन अधिकारियों की जिम्मेदारी संबंधित तीर्थक्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों की निगरानी करना, गुणवत्ता सुनिश्चित करना और मुख्यमंत्री को नियमित रिपोर्ट देना होगी।

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  • सैकड़ों करोड़ की योजनाएं होंगी नियंत्रित

इन तीर्थक्षेत्रों के लिए कुल 880 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है। इनमें त्र्यंबकेश्वर के लिए 275 करोड़, परळी वैजनाथ के लिए 286.68 करोड़, और घृष्णेश्वर के लिए 156.63 करोड़ की योजनाएं शामिल हैं। अधिकारी अब इन कार्यों में गुणवत्ता और गति सुनिश्चित करने के लिए ज़मीनी स्तर पर समन्वय करेंगे।

📊 मुख्यमंत्री की पहल: निगरानी + जवाबदेही

मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया है कि तीर्थ विकास कार्यों में गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता बनाए रखने के लिए मंत्रालय स्तर से निगरानी आवश्यक है। ये अधिकारी परियोजनाओं की नियमित समीक्षा कर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करेंगे, जिससे कोई भी रुकावट समय रहते सुलझाई जा सके।

🧭 पर्यटन, संस्कृति और आस्था को मिलेगा नया आयाम

इस प्रशासनिक पहल को धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इन क्षेत्रों में विकास से न केवल भक्तों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि रोजगार के अवसर और सांस्कृतिक समृद्धि भी बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री फडणवीस की यह पहल धार्मिक पर्यटन, बुनियादी ढांचे और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की दिशा में प्रशासनिक दक्षता और जवाबदेही का एक ठोस कदम मानी जा रही है।

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