Maharashtra Government Hospital Nurses Strike: महाराष्ट्र में 30,000 नर्सों की हड़ताल जारी। स्थायी भर्ती, भत्तों में बढ़ोतरी और रिक्त पद भरने की मांग। सरकारी अस्पतालों में सर्जरी, भर्ती और सेवाएं बुरी तरह प्रभावित।
मुंबई, 18 जुलाई: महाराष्ट्र में स्वास्थ्य सेवाएं गंभीर संकट में आ गई हैं क्योंकि राज्य की 30,000 से अधिक नर्सों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। यह हड़ताल महाराष्ट्र स्टेट नर्सिंग असोसिएशन (MSNA) के नेतृत्व में की जा रही है, जिसका विरोध राज्य चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा 6 जून को लागू की गई संविदात्मक भर्ती नीति को लेकर है। नर्सों की मांग है कि सभी पदों पर स्थायी भर्ती की जाए, भत्तों में बढ़ोतरी की जाए, और राज्यभर में रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरा जाए, ताकि काम का अत्यधिक बोझ कम हो सके।
MSNA की महासचिव सुमित्रा टोटे ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान नर्सों ने दिन-रात काम किया, लेकिन आज भी उन्हें संविदा आधार पर काम करने को मजबूर किया जा रहा है, जिससे वेतन असमानता और नौकरी की अनिश्चितता बनी हुई है। पुणे के ससून जनरल अस्पताल में 345 से अधिक नर्सों ने हड़ताल में हिस्सा लिया, जिससे मरीजों की भर्ती और ऑपरेशन शेड्यूल में व्यवधान उत्पन्न हुआ। वहीं मुंबई, नागपुर, और औरंगाबाद जैसे शहरों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भी हड़ताल का व्यापक असर देखा गया है।
नागपुर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) और मेयो अस्पताल में स्थिति और भी गंभीर है। यहां सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन विसंगतियों के खिलाफ सैकड़ों नर्सें आंदोलन कर रही हैं। GMCH के नेत्र विभाग में जहां रोजाना 25 से अधिक सर्जरी होती थीं, वह संख्या घटकर 5-6 रह गई। मेयो अस्पताल ने कुछ निजी नर्सिंग स्कूलों की मदद से वैकल्पिक व्यवस्था करने की कोशिश की, लेकिन कई बड़ी सर्जरियों को टालना पड़ा। MSNA ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा। राज्य सरकार और संगठन के बीच बातचीत फिलहाल ठप है।