मुंबई-अहमदाबाद हाईवे बना ‘मौत का जाल’: 5 महीनों में 83 हादसे, 31 मौतें, सड़क पर गड्ढे और लापरवाही बनी जानलेवा
विरार, 3 जुलाई : मुंबई-अहमदाबाद राष्ट्रीय महामार्ग, जो वसई-विरार, मीरा-भायंदर और पालघर जैसे क्षेत्रों को जोड़ता है, आज खस्ताहाल सड़कों, गड्ढों, अवैध होल रोड और लचर प्लानिंग के कारण लोगों के लिए जानलेवा बन गया है। दहिसर टोल नाका से विरार फाटा तक केवल 5 महीनों में 83 सड़क हादसों में 31 लोगों की मौत हो चुकी है।
प्राधिकरण ने 600 करोड़ रुपये खर्च कर कंक्रीट सड़क बनाई थी, जिससे उम्मीद थी कि यात्रियों को राहत मिलेगी। लेकिन सड़क पर जगह-जगह ऊंच-नीच, टायरों के निशान और गड्ढे बन गए हैं, जिससे दोपहिया और चारपहिया वाहनों की आवाजाही बेहद खतरनाक हो गई है।
• अनियंत्रित यातायात और सुरक्षा की अनदेखी
हाईवे के दोनों ओर भारी वाहनों की पार्किंग, अवैध होल रोड, आरएमसी और मलबा ले जाने वाले ट्रकों से फैले कीचड़ के कारण सड़क फिसलन भरी हो चुकी है। साथ ही, जानवरों की मौजूदगी भी हादसों को दावत दे रही है।
• ट्रक टर्मिनल का अभाव बड़ी समस्या
हर दिन करीब 25 से 30 हजार वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं, जिनमें से 70% भारी वाहन होते हैं। फिर भी ट्रक टर्मिनल का कोई प्रबंध नहीं है। वाहन सीधे मुख्य सड़क पर खड़े रहते हैं, जिससे जाम और दुर्घटनाओं की स्थिति बनती है।
• सरकारी अनदेखी बनी सबसे बड़ा कारण
सभी समस्याओं का मुख्य कारण अधिकारियों की उदासीनता और समय पर कोई ठोस उपाय ना करना है। नागरिकों का कहना है कि अगर स्थिति ऐसी ही रही तो यह हाईवे “मौत का जाल” बनकर रहेगा।