मुंबई में चिकनगुनिया के मामलों में 200% की बढ़ोतरी, चीन में भी 7,000 से अधिक संक्रमण। WHO ने दक्षिण एशिया में फैलते प्रकोप पर चिंता व्यक्त की है।
मुंबई,7 अगस्त: मुंबई में चिकनगुनिया के मामलों में 200% की तेज़ बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे स्वास्थ्य विभाग और नागरिक प्रशासन में चिंता का माहौल है। जनवरी से जुलाई 2025 के बीच 265 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2024 में यह आंकड़ा सिर्फ़ 46 था।
महाराष्ट्र भर में अब तक 1,512 केस सामने आए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक हैं। बीएमसी के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्ष शाह ने कहा कि मई में जल्द शुरू हुई बारिश और बढ़ती नमी ने मच्छरों के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बना दीं, जिससे संक्रमण तेजी से फैला।
चीन में भी फैल रहा है संक्रमण, WHO चिंतित
चीन में जून के अंत से लेकर अब तक करीब 7,000 चिकनगुनिया संक्रमण सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दक्षिण एशिया में संक्रमण के प्रसार को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। चिकनगुनिया वायरस मुख्यतः Aedes aegypti और Aedes albopictus मच्छरों के काटने से फैलता है। यही मच्छर डेंगू और ज़ीका वायरस भी फैलाते हैं और दिन में अधिक सक्रिय रहते हैं।
लक्षण और बचाव के उपाय
चिकनगुनिया के लक्षणों में तेज बुखार, जोड़ों में तेज दर्द, थकान, सिरदर्द और रैशेज शामिल हैं, जो डेंगू और मलेरिया से मिलते-जुलते हैं। संक्रमण अक्सर खुद ही ठीक हो जाता है, लेकिन जोड़ों का दर्द तीन महीने या उससे अधिक तक रह सकता है। फिलहाल कोई विशेष एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है, केवल लक्षणों का उपचार किया जाता है। रोकथाम के लिए मच्छर के प्रजनन स्थलों को खत्म करना, पानी जमा न होने देना, और पूरी आस्तीन के कपड़े पहनना सबसे प्रभावी उपाय हैं। नगर निगम की टीमें अब ड्रोन और दवाइयों से प्रभावित क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन को रोकने में जुटी हैं।
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