मुंबई में राष्ट्रीय रोबोटिक्स प्रतियोगिता के दौरान CM देवेंद्र फडणवीस ने छात्रों से भविष्य की तकनीक-प्रधान दुनिया के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। STEM और Brilio के सहयोग से भारत की पहली पर्यावरण व स्थिरता लैब का भी उद्घाटन हुआ।
मुंबई, 21 अगस्त: मुंबई के प्रभादेवी स्थित पुल देशपांडे अकादमी में आयोजित एक राष्ट्रीय रोबोटिक्स प्रतियोगिता के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने छात्रों को भविष्य की विज्ञान और तकनीक-प्रधान दुनिया के लिए तैयार रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे नवाचारों ने न केवल उद्योगों और जीवनशैली को बदला है, बल्कि पर्यावरणीय व्यवहारों को भी तेजी से प्रभावित किया है। इसी बदलते युग में भारत के बच्चों को वैज्ञानिक सोच, नवाचार और जिज्ञासा को अपनाना होगा। कार्यक्रम STEM और Brilio के संयुक्त प्रयासों से आयोजित किया गया था, जिसमें देशभर से स्कूलों के छात्र और शिक्षक शामिल हुए।
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देश की पहली पर्यावरण और स्थिरता लैब का उद्घाटन
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने भारत की पहली ‘एनवायरनमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी लैब’ का उद्घाटन भी किया। इस प्रयोगशाला को छात्रों में वैज्ञानिक चेतना और पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। उन्होंने कहा, “यह लैब भविष्य निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह न केवल छात्रों को आधुनिक विज्ञान के करीब लाएगी, बल्कि उन्हें जलवायु और स्थिरता जैसे वैश्विक मुद्दों को समझने में भी मदद करेगी।” यह पहल STEM संस्था की उस सोच का हिस्सा है, जिसमें शिक्षा को नवाचार और स्थायित्व से जोड़ा जा रहा है।
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पुरस्कार विजेताओं को किया गया सम्मानित
इस प्रतियोगिता में देशभर के स्कूलों और विश्वविद्यालयों ने भाग लिया। रोबोटिक्स और मॉडल मेकिंग प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए गए। पुणे के एस. डी. गाणगे स्कूल के छात्रों ने अपनी ‘टिंकरिंग इनोवेशन’ के लिए पहला पुरस्कार जीता, जिसमें ₹1 लाख की राशि प्रदान की गई। जादवपुर विश्वविद्यालय को दूसरा और बेंगलुरु के रानी सरलादेवी हाई स्कूल को तीसरा पुरस्कार मिला, दोनों को ₹50,000-₹50,000 की राशि दी गई। इसके अलावा, मेघालय, हरियाणा और सराय ख्वाजा जैसे क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों के छात्रों को STEM कार रेस और मॉडल प्रोजेक्ट्स में सराहनीय योगदान के लिए विशेष मान्यता दी गई।
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STEM और Brilio का शिक्षा में अनूठा योगदान
मुख्यमंत्री ने STEM के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि संस्था ने अब तक 20 लाख से अधिक छात्रों और 30,000 से ज्यादा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया है। इसके ज़रिए मिनी साइंस सेंटर, प्रैक्टिकल मॉडल और विज्ञान के प्रति रुचि जगाने वाले कार्यक्रम ग्रामीण, आदिवासी और सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुँचाए गए हैं। STEM को UNESCO ने भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पर्यावरणीय जागरूकता के लिए मान्यता दी है। संस्था के CEO अशुतोष पंडित ने बताया कि ESG (Environment, Social and Governance) लैब के माध्यम से छात्रों में स्थिरता केंद्रित शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। Brilio के सीनियर डायरेक्टर अभिषेक रंजन ने कहा कि उन्होंने अब तक 20 राज्यों में मिनी साइंस और एस्ट्रोनॉमी लैब्स की शुरुआत की है, और 2030 तक 1 मिलियन बच्चों तक पहुँचने का लक्ष्य रखा है।