पालघर, 5 जुलाई: केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे “नवभारत साक्षरता कार्यक्रम” के तहत पालघर जिले में शिक्षा की अलख जगाई जा रही है। अब तक 40,000 से अधिक निरक्षर लोगों को पढ़ना-लिखना, गणित और जीवन कौशल सिखाया जा चुका है। जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि साल 2027 तक पालघर को पूर्ण साक्षर जिला घोषित किया जाए।
वर्ष 2023-24 में 16,394 और 2024-25 में 23,577 लोगों ने “उल्हास ऐप” के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराया। इस साल सितंबर में होने वाली परीक्षा के लिए 1,369 लोग पहले ही नाम दर्ज कर चुके हैं।
इस अभियान को व्यापक रूप से सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग, आंगनवाड़ी केंद्र, स्कूल, कॉलेज, NGO और युवा संगठनों को सक्रिय रूप से जोड़ा गया है। हाल ही में आयोजित एक बैठक में जिला कलेक्टर और ZP CEO की अध्यक्षता में आगामी रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई।
हर स्वयंसेवक को 10 निरक्षर व्यक्तियों को साक्षर बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें चार पुस्तकें — हिंदी, गणित, जीवन कौशल और मूल्य शिक्षा — सौंपी गई हैं। साक्षरता के साथ-साथ डिजिटल, स्वास्थ्य और वित्तीय साक्षरता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
शिक्षा अधिकारी शेषराव बड़े के अनुसार, “अगर गांव-स्तर पर लोगों की भागीदारी बनी रही, तो पालघर जल्दी ही पूर्ण साक्षरता की दिशा में अग्रसर होगा।”
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