महाराष्ट्र एटीएस ने सोमवार को पुणे के कोंढवा इलाके में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर जुबैर हंगरगेकर को पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी संगठन अलकायदा तथा अन्य कट्टरपंथी संगठनों से कथित संबंध होने और युवाओं को ऑनलाइन कट्टरपंथी बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया। ATS की टीम ने पिछले महीने से उस पर नजर रखी थी और गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ उसे 4 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस अफसरों के अनुसार, आरोपी के घर और परिसरों की तलाशी के दौरान युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए आपत्तिजनक डिजिटल सामग्री प्राप्त हुई। उस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धाराओं में FIR दर्ज है। आरोप है कि वह महाराष्ट्र सहित देश के अन्य शहरों में संभावित आतंकी हमलों की साजिश रच रहा था, और उसपर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों का भी आरोप है।
इस कार्रवाई से पहले ATS ने पुणे रेलवे स्टेशन से चार संदिग्धों को चेन्नई एक्सप्रेस से पकड़ा, और 9 अक्टूबर को पुणे के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी में इलेक्ट्रॉनिक्स, दस्तावेज़ समेत संदिग्ध सामग्री जब्त की। जांच से पता चला है कि ISIS और अलकायदा की ऑनलाइन कट्टरपंथी शाखाएँ युवाओं को उकसा रही हैं—उनका नेटवर्क लगातार तेजी से बढ़ रहा है और विदेशी हैंडलर्स (ज्यादातर सीरिया से) द्वारा डिजिटल माध्यम से संचालित किया जा रहा है।
खुफिया ब्यूरो के अनुसार, देश के आतंकी मॉड्यूल्स की कमान सीरिया जैसे देशों में बैठे मास्टरमाइंड के पास है। भारत में इन मामलों की लगातार ऑनलाइन निगरानी और पुलिस कार्रवाई की जा रही है। पिछले साल इस्लामिक स्टेट ने 72 हमले किए थे, वहीं इस साल अब तक 115 केस सामने आने से इन संगठनों की डिजिटल ताकत और ऑर्गनाइज्ड नेटवर्किंग का अंदाजा मिलता है।
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