
भायंदर: धर्मज्योति प्रचार सेवा संस्थान द्वारा आयोजित नौ दिवसीय दिव्य श्रीरामकथा (Shree Ramkatha Bhayandar) के प्रथम सत्र में, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त श्रीरामकथा वाचक पूज्य राजन जी महाराज ने अपने उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि 14 वर्षों की रामकथा गायन यात्रा में दूसरी बार मुंबई की व्यासपीठ से रामकथा प्रस्तुत करना उनके लिए एक सुखद अनुभूति है।
राजन जी महाराज ने रामचरितमानस की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि जब तक इसे राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित कर भारतीय शिक्षण संस्थानों में प्रारंभ से नहीं पढ़ाया जाता, तब तक रामराज्य की कल्पना साकार नहीं हो सकती। उन्होंने भगवान की निकटता को सदैव सुखदायी बताते हुए कहा कि हमारा प्रत्येक चिंतन भगवान के प्रति होना चाहिए। रामचरितमानस की प्रत्येक चौपाई में रामजी का नाम जुड़ा है, इसलिए यह अति पावन और महामंत्र है।
अपने जीवन में भगवान की कृपा का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए, राजन जी ने भजन “मुझे कौन पूछता था तेरी बंदगी से पहले…” सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। उन्होंने सत्कर्म के महत्त्व को समझाने के लिए भजन “अब न बनी तो अब ना बनेगी…” प्रस्तुत किया और श्रोताओं को सचेत किया। इसके बाद, प्रेमभूषण जी महाराज का लोकप्रिय भजन “जय जय रामकथा जय श्रीरामकथा…” सुनाकर सभी आयु वर्ग के श्रोताओं को थिरकने और झूमने पर मजबूर कर दिया।
राजन जी महाराज ने कहा कि जीवन की व्यथा का निदान केवल कथा कर सकती है। यह रामकथा जीवन के समस्त रोगों की संजीवनी है।
भायंदर (पूर्व) के जैसल पार्क चौपाटी स्थित बालाजी ग्राउंड में चल रही इस कथा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। 25 जनवरी से 2 फरवरी तक आयोजित इस मानस महोत्सव के प्रथम सत्र में मुख्य यजमान अनूप दान बहादुर सिंह और धर्मज्योति प्रचार सेवा संस्थान के अध्यक्ष नवीन रामधारी सिंह के आमंत्रण पर जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह, अशोक दूबे, वानर सेना संरक्षक अजीत प्रताप सिंह (पी.सी.एस.), शिवसेना नेता विक्रम प्रताप सिंह, सुधाकर सिंह “बिसेन”, कैलाश पाठक (शिवसेना नेता, उद्धव गुट), शैलेश ठाकुर, दिनेश प्रताप सिंह, विनय चौबे, सरिता चौबे, श्रीमती अशोका तिवारी, प्रीति पांडे, विवेक सिंह ‘तन्हा’, नरेंद्र सिंह आदि गणमान्य व्यक्तियों ने कथा श्रवण कर पुण्य अर्जित किया।
इस प्रकार, भायंदर की धरती पर पहली बार आयोजित इस दिव्य श्रीरामकथा में श्रद्धालुओं ने आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति की और रामचरितमानस के संदेशों से प्रेरणा प्राप्त की।
अधिक जानकारी के लिए, आप पूज्य राजन जी महाराज की आधिकारिक वेबसाइट pujyarajanjee.com पर जा सकते हैं।