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Solid Waste Management Scam VVCMC: वसई-विरार मनपा के घनकचरा प्रबंधन में अनियमितताएं, सरकार करेगी उच्चस्तरीय जांच

Solid Waste Management Scam VVCMC
मुंबई: वसई-विरार शहर महानगरपालिका के घनकचरा प्रबंधन घोटाले (Solid Waste Management Scam VVCMC) का मुद्दा विधानसभा के अर्थसंकल्पीय अधिवेशन में उठा, जहां आमदार राजेंद्र गावित ने इसे गंभीर भ्रष्टाचार का मामला बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 24.64 करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन परियोजना का कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया। इस पर मंत्री महोदय ने जवाब देते हुए उच्चस्तरीय जांच समिति गठित करने का आश्वासन दिया है।

आमदार गावित ने बताया कि भारतीय लेखापरीक्षण और लेखा विभाग (Audit-1) की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यह योजना विफल रही और इसमें बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ी हुई। इसके कारण हरित लवाद (NGT) ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (MPCB) के माध्यम से वसई-विरार मनपा को मासिक 20 लाख रुपये जुर्माने का नोटिस जारी किया। इसके अलावा, आईआईटी मुंबई द्वारा गठित त्रिसदस्यीय समिति ने भी इस परियोजना की समीक्षा की और मई 2017 में एक विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट सौंपी, जिसमें वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि हुई।

इस मामले में विधायक गावित ने दोषियों पर कानूनी कार्रवाई और तत्काल जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकारी धन का इस तरह से दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अपराध (FIR) दर्ज़ करने की आवश्यकता है। इस पर मंत्री महोदय ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

वीडियो देखें  : सदन में विधायक गावित द्वारा की गयी मांग और जवाब का वीडियो 

24.64 करोड़ रुपये खर्च, लेकिन नतीजे शून्य!

विधायक गावित के अनुसार, 24.64 करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन इस प्रोजेक्ट का कोई ठोस लाभ नहीं मिला। भारतीय लेखापरीक्षण और लेखा विभाग (Audit-1) की रिपोर्ट के अनुसार, परियोजना असफल रही, और भारी आर्थिक नुकसान हुआ।

हरित लवाद का हस्तक्षेप और जुर्माना

पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन के कारण हरित लवाद (NGT) ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (MPCB) के माध्यम से वसई-विरार मनपा को मासिक 20 लाख रुपये जुर्माने का नोटिस जारी किया है। इसके अलावा, आईआईटी मुंबई की त्रिसदस्यीय समिति ने इस परियोजना की समीक्षा की और मई 2017 में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी, जिसमें अनियमितताओं की पुष्टि हुई।

सरकार की प्रतिक्रिया

विधायक गावित ने मांग की कि इस प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। जवाब में मंत्री महोदय ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

जनता को न्याय की उम्मीद

वसई-विरार के नागरिक अब इस जांच की प्रक्रिया पर नजर बनाए हुए हैं। मुख्य सवाल यह है कि क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर उचित कार्रवाई होगी और क्या जनता के पैसे का सही उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा?

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