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Virar Shabana Parveen Murder Case: 23 साल की भागदौड़ का अंत: आखिर कानून के शिकंजे में आया हत्यारा

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पालघर जिले के विरार में 2002 में हुई एक जघन्य हत्या (Virar Shabana Parveen Murder Case) और अपहरण के मामले में पुलिस को आखिरकार 23 साल बाद बड़ी सफलता मिली। इस अपराध के मुख्य आरोपी, 52 वर्षीय मोहम्मद तरबेज मोहम्मद इदरीस अंसारी को ठाणे जिले के डोंबिवली से गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस की लगातार जांच और पीछा करने के बाद अंसारी को फर्जी पहचान के साथ एक किराए के मकान में रहते हुए पकड़ा गया।

यह घटना 6 जून 2002 की है, जब अंसारी ने अपने छोटे भाई की पहली पत्नी शबाना परवीन (30) की हत्या कर दी थी। पुलिस के अनुसार, अंसारी अपने भाई की शादी से नाखुश था और चाहता था कि वह शबाना को छोड़कर दूसरी शादी करे। इसी के चलते उसने अपनी भाभी को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। उस दिन, अंसारी ने अपने भाई की दूसरी पत्नी अफरीन बानू के साथ मिलकर शबाना का धारदार हथियार से गला काट दिया। लेकिन यही नहीं, उसने उनकी पांच महीने के मासूम बेटे को भी अगवा कर लिया और उसे लेकर फरार हो गया।

हत्या के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी। विरार पुलिस ने हत्या और अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की, लेकिन अंसारी भागने में कामयाब रहा। अपराध को अंजाम देने के बाद वह लखनऊ चला गया, जहां उसने तीन साल तक छिपकर गुजारा किया। पुलिस उसकी तलाश में जुटी रही, लेकिन वह लगातार अपने ठिकाने बदलता रहा। लखनऊ के बाद उसने डोंबिवली में अपना नया ठिकाना बना लिया और फर्जी पहचान के साथ वहां 20 साल तक आराम से जिंदगी बिताई।

इस बीच, पुलिस ने मामले की जांच बंद नहीं की। 2015 में, इस मामले की दूसरी आरोपी अफरीन बानू ने आत्मसमर्पण कर दिया था। हालांकि, सबूतों के अभाव में उसे अदालत ने बरी कर दिया। वहीं, अपहृत बच्चा जो अब 23 साल का हो चुका है, फिलहाल लखनऊ में अपने पिता और सौतेली मां के साथ रह रहा है।

लेकिन अपराध कितना भी पुराना क्यों न हो, कानून के हाथ लंबे होते हैं। आखिरकार, पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली कि अंसारी डोंबिवली में एक किराए के मकान में छिपा हुआ है। पुलिस ने तत्काल वहां छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अविराज कुर्हाड़े ने बताया कि अंसारी के खिलाफ हत्या (IPC धारा 302), अपहरण (IPC धारा 363) और आपराधिक साजिश (IPC धारा 34) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि 23 साल की फरारी के दौरान उसने और किन-किन अपराधों को अंजाम दिया और किस-किस की मदद से इतने सालों तक खुद को छिपाए रखा। यह गिरफ्तारी उन सभी अपराधियों के लिए एक संदेश है कि कानून से बचना आसान नहीं, चाहे वे कितने भी साल तक फरार रहें।

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