Vasai-Virar: वसई-विरार नगर निगम क्षेत्र में डेढ़ दिवसीय गणेश विसर्जन बड़े उत्साह से सम्पन्न हुआ। इस वर्ष 13,682 प्रतिमाओं में से 11,448 (83%) प्रतिमाएँ कृत्रिम तालाबों में विसर्जित की गईं। नागरिकों की शानदार प्रतिक्रिया और प्रशासन की बेहतरीन तैयारी ने आयोजन को सफल बनाया।
वसई, 29 अगस्त: गणेशोत्सव की भक्ति और उल्लास के बीच वसई-विरार नगर निगम क्षेत्र में डेढ़ दिवसीय गणेश प्रतिमा विसर्जन बड़े ही हर्षोल्लास और भावुक माहौल में सम्पन्न हुआ। इस बार प्रशासन द्वारा बनाए गए कृत्रिम तालाबों को नागरिकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली और अधिकांश गणेश भक्तों ने अपने बप्पा का विसर्जन पर्यावरण-अनुकूल तरीके से किया।
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आंकड़े बोले,बढ़ी पर्यावरण जागरूकता
नगर निगम के आँकड़ों के अनुसार, इस वर्ष कुल 13,682 प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इनमें से 11,448 प्रतिमाएँ (83%) कृत्रिम तालाबों में विसर्जित की गईं, जबकि शेष प्रतिमाएँ घाटों और खदानों में विसर्जित की गईं। यह आँकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर रहा, जो दर्शाता है कि नागरिक अब पर्यावरण संरक्षण को लेकर अधिक जागरूक हो रहे हैं।
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प्रशासन की तैयारी और सुविधाएँ
आयुक्त मनोज कुमार सूर्यवंशी के निर्देशन में इस बार नगर निगम ने बड़े पैमाने पर तैयारियाँ कीं।
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116 कृत्रिम तालाब
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2 बंद खदानें
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2 घाट
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18 मोबाइल टैंक उपलब्ध कराए गए।
साथ ही मंडप व्यवस्था, दीपदान सुविधा, आरती स्थल, चिकित्सा सहायता कक्ष और निर्माल्य कलश जैसी सुविधाएँ भी प्रदान की गईं। खदानों में कन्वेयर बेल्ट व्यवस्था से विसर्जन आसान और सुरक्षित हुआ।
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नागरिकों की सराहना
गणेश भक्तों ने नगर निगम की व्यवस्थाओं की जमकर सराहना की। बड़ी संख्या में शाडू मिट्टी की प्रतिमाओं का उपयोग हुआ, जिससे यह साबित हुआ कि नागरिक पर्यावरण-अनुकूल गणेशोत्सव की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
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आयुक्त की अपील
आयुक्त सूर्यवंशी ने अपील की कि आगामी विसर्जनों पाँच दिवसीय, सात दिवसीय, गौरी विसर्जन और अनंत चतुर्दशी के दौरान भी कृत्रिम तालाबों का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि यह पहल केवल परंपरा नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण बचाने की जिम्मेदारी भी है।
वसई-विरार का डेढ़ दिवसीय गणेश विसर्जन इस वर्ष न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि इसने यह भी दिखाया कि प्रशासन और नागरिक मिलकर पर्यावरण संरक्षण में नई मिसाल कायम कर सकते हैं।