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Vasai-Virar News: वसई-विरार में सफाई टेंडर बना कानूनी झमेला, ठेकेदार पहुंचे हाई कोर्ट

Vasai-Virar News: वसई-विरार मनपा का तीन साल का सफाई टेंडर तकनीकी कारणों से रद्द, जबकि ठेकेदारों ने 10% दर बढ़ोतरी भी स्वीकार की थी। ठेकेदारों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। दूसरी ओर VVMC ने नया टेंडर भी जारी कर दिया। अब फैसला 18 जून की सुनवाई पर टिका है।

वसई-विरार,14 जून : वसई-विरार शहर महानगरपालिका का तीन साल के लिए प्रस्तावित सफाई टेंडर अब एक बड़े विवाद में बदल गया है। सफाई व्यवस्था को लेकर जारी किया गया यह टेंडर तकनीकी कारणों से रद्द कर दिया गया, जिससे नाराज़ ठेकेदारों ने अब हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है।

•क्या है पूरा मामला?
महानगरपालिका ने वसई-विरार क्षेत्र की सफाई व्यवस्था के लिए तीन साल का टेंडर जारी किया था। इस टेंडर के लिए ठेकेदारों ने पहले से तय दरों पर 10% तक की बढ़ोतरी भी स्वीकार की थी। इसके बावजूद, प्रशासन ने तकनीकी कारणों का हवाला देकर यह टेंडर रद्द कर दिया।
इस फैसले से ठेकेदारों में भारी असंतोष फैल गया और उन्होंने मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। ठेकेदारों का आरोप है कि पूरी प्रक्रिया पहले ही पारदर्शी ढंग से की गई थी, और बिना उचित कारण बताए टेंडर रद्द करना दुर्भावनापूर्ण कदम है।

• नई टेंडर प्रक्रिया पहले ही शुरू
हैरानी की बात यह है कि एक ओर पुराना टेंडर रद्द हुआ और उस पर केस चल रहा है, वहीं दूसरी ओर VVMC ने नया टेंडर जारी कर दिया है। इससे ठेकेदारों को और ज्यादा आपत्ति है। उनका कहना है कि जब मामला अभी न्यायालय के अधीन है, तो नए टेंडर की प्रक्रिया शुरू करना गलत है।

• क्या कहता है प्रशासन?
महानगरपालिका की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, टेंडर प्रक्रिया में कुछ तकनीकी त्रुटियां पाई गई थीं, जिसे आधार बनाकर इसे रद्द किया गया।

• अगली सुनवाई 18 जून को
इस मामले की अगली सुनवाई हाई कोर्ट में 18 जून को निर्धारित की गई है। तब तक यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या VVMC नया टेंडर आगे बढ़ाती है या न्यायालय के आदेश की प्रतीक्षा करती है।

• जनता को कैसे पड़ेगा असर?
इस कानूनी खींचतान का असर सीधे-सीधे शहर की सफाई व्यवस्था पर पड़ सकता है। पहले ही मानसून दस्तक दे चुका है और अगर समय पर सफाई व्यवस्था न संभाली गई, तो गंदगी और बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

नजर अब 18 जून पर टिकी है, जब कोर्ट इस विवाद पर अगला कदम तय करेगा।

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