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VVCMC Solar Subsidy Scheme : वसई विरार मनपा ने दी “सौर ऊर्जा सब्सिडी योजना” को तिलांजलि, पिछले 06 साल से एक को भी सब्सिडी नहीं

VVCMC Solar Subsidy Scheme : वसई विरार मनपा ने दी "सौर ऊर्जा सब्सिडी योजना" को तिलांजलि, पिछले 06 साल से एक को भी सब्सिडी नहीं
VVCMC Solar Subsidy Scheme : वसई विरार मनपा ने दी "सौर ऊर्जा सब्सिडी योजना" को तिलांजलि, पिछले 06 साल से एक को भी सब्सिडी नहीं

VVCMC Solar Subsidy Scheme : सौर ऊर्जा का उपयोग करने वाले नागरिकों को संपत्ति कर में छूट और सब्सिडी देने की मनपा की घोषणा महज दस्तावेज बनकर रह गयी है. इस योजना के शुरू होने के 6 साल बाद भी अभी तक किसी को भी इस योजना के तहत सब्सिडी नहीं दी गई है।

2017 में, महासभा में प्रस्ताव पारित कर वसई विरार शहर महानगरपालिका ने ढ़ोल नगाड़ो के साथ पर्यावरण की रक्षा के लिए गैर-पारंपरिक ऊर्जा का उपयोग करने के लिए नागरिकों के लिए एक प्रोत्साहन योजना लागू करके कर रियायतों और सब्सिडी की घोषणा की थी। इस योजना को अधिक से अधिक नागरिकों तक पहुंचाने के लिए वर्ष 2017-18 से संपत्ति/मालमत्ता कर रसीद के पीछे रियायती योजना की जानकारी प्रकाशित की जा रही है। हालाँकि, महानगरपालिका उन नागरिकों को ऐसी सब्सिडी देने में कोई दिलचस्पी नहीं है जो वास्तव में सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं।

सौर ऊर्जा के सब्सिडी क्लेम पर नागरिकों को धमकाते है अधिकारी

नायगांव में रहने वाले वरिष्ठ नागरिक दिलीप राउत सौर ऊर्जा परियोजना के लिए सब्सिडी या कर छूट पाने के लिए पिछले 6 वर्षों से वसई विरार महानगरपालिका का चक्कर लगा रहें है। 2018 में, राउत ने नायगांव में अपने घर पर एक सौर ऊर्जा परियोजना शुरू की। फिर महानगरपालिका में अनुदान के लिए आवेदन किया।

लेकिन मनपा अधिकारी तरह-तरह के कारण बताकर सब्सिडी देने में आनाकानी कर रहे हैं। कभी बोलते हैं जियो टैंगिक लाओ, हमारी टेबल पर कोई फाइल नहीं, “उस अधिकारी से मिलो-इस अधिकारी” जैसे कारण बता मनपा के चक्कर लगाने को मज़बुर कर रहे हैं। कोरोना काल के दो साल बीत गए. वसई विरार महानगरपालिका में आयुक्त अनिल कुमार पवार की नियुक्ति के बाद, राउत ने फिर से मनपा में आवेदन देना शुरू किया और राउत का आवेदन पिछले दो वर्षों से टैक्स विभाग, बिजली विभाग, विधि विभाग एवं लेखाकार (ऑडिट) विभाग के फ़ाइलों में भ्रमण कर रहा है. इस बीच, इन अनुदानों को देने का अधिकार परिमंडळ उपायुक्त को सौंपा गया और तदनुसार एक आधिकारिक पत्र भी जारी किया गया।

राउत के इतने प्रयासों के बाद भी वसई विरार मनपा मुख्यालय ने निर्णय लेने के सम्बन्ध में प्रभाग समिति ‘आई’ को एक पत्र भेजने की ज़हमत तक नहीं उठा पायी। मनपा आयुक्त सौर ऊर्जा सब्सिडी के लिए अब तक कोई ठोस निर्णयात्मक रुख अपनाने में असफल रहें हैं. सौर ऊर्जा के सब्सिडी को लेकर विभिन्न विभागों के उपायुक्त भी पिछले छह वर्षों से टाल मटोल कर रहे हैं।

राऊत ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय और शहरी विकास विभाग से संपर्क करने पर भी कोई मदद नहीं मिली। राऊत ने यह भी कहा कि महासभा में स्पष्ट ठराव/प्रस्ताव पारित होने के बाद भी सौर ऊर्जा सब्सिडी देने से इंकार करना एक गंभीर प्रशासनिक विफलता है और इसके बाबजूद मनपा द्वारा इस योजना का अभी भी प्रचार प्रसार करना,वसई विरार की जनता को धोखा देने जैसा है।

सब्सिडी देना आर्थिक रूप से किफायती नहीं – वसई विरार मनपा अधिकारी

वसई विरार मनपा ने कहा कि 6 साल में इस योजना के तहत एक भी व्यक्ति को सब्सिडी नहीं दी गई है. यह संकल्प 2017 में किया गया था,तब स्थिति अलग थी आज अलग है!. मनपा के एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि अब इस योजना के तहत सब्सिडी देना आर्थिक रूप से किफायती नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि इसके लिए प्रॉपर्टी टैक्स में कुछ छूट दी जा सकती है.

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