North Indian : मुंबई में उत्तर भारतीयों की सुनने वाला कोई नहीं !
उत्तर प्रदेश से मुंबई और आस-पास के इलाकों मे रोजी-रोटी के लिए आने उत्तर भारतीयों (North Indian) के लिए फिलहाल यहां सुनने वाला कोई नहीं है । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वादा किया था की मुंबई मे एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी जो यहां के उत्तर भारतीय लोगो की समस्या सुनेगा। हालांकि योगी सरकार के आश्वासन के बाद भी अभी तक इस बारे में कोई खास पहल नहीं हुई है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पहले कार्यकाल में मुंबई में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने की घोषणा की थी, जिससे मुंबई में रहने वाले लाखों उत्तर प्रदेश निवासियों की समस्याओं को हल करने में मदद मिलेगा। यह नोडल अधिकारी आईएएस रैंक का अधिकारी होगा। करीब डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी योगी सरकार ने मुंबई में एक आईएएस अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है। इसलिए मुंबई में रहने वाले उत्तर प्रदेश के निवासियों को अपने गांव की समस्या के समाधान के लिए खुद गांव जाना होगा।
उत्तर प्रदेश के करीब 40 लाख लोग मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई और पालघर में रहते हैं। यहां रहने के कारण गांव में लोग उनकी जमीन हड़प लेते हैं, उनके खेत पर कब्जा कर लेते हैं। योगी सरकार ने वादा किया था कि इस समस्या के समाधान के लिए लोगों को गांव नहीं आना पड़ेगा।
करीब 3 साल पहले लोगों की मांग पर यूपी सरकार ने मुंबई में उप निदेशक (पर्यटन विभाग) बिमलेश कुमार औदिच्य को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी दी थी। लेकिन, पिछले चार महीने से उन्हें लखनऊ बुलाया गया है। आलम यह है कि उत्तर प्रदेश के निवासियों की फरियाद सुनने के लिए मुंबई में यूपी का कोई अधिकारी नहीं है, जबकि दिसंबर 2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्कालीन पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री नीलकंठ तिवारी को नियुक्त करने की जिम्मेदारी दी थी। एक अधिकारी के रूप में। तिवारी के आदेश पर तत्कालीन प्रमुख सचिव एवं पर्यटन महानिदेशक जितेंद्र कुमार ने बिमलेश कुमार को यह जिम्मेदारी सौंपी थी।
फिर कहा गया कि बिमलेश कुमार महीने में 15 दिन मुंबई से और 15 दिन दिल्ली से शिकायत का निवारण करेंगे। मुंबई में रहने वाले उत्तर प्रदेश के कई निवासियों ने भूमि अधिग्रहण से लेकर खेत की माप तक की मदद के लिए गाँव के संबंधित नंबरों पर कॉल और ई-मेल किया है। लेकिन अभी तक इस बारे में कोई भी मदद नहीं मिली।
लेख -पत्रकार सुष्मित झा