राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि इस साल केरल, झारखंड, दिल्ली, असम और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में कुत्तों के काटने की घटनाएं सबसे अधिक बढ़ीं।
कुत्ता काटने की कुल घटनाओं के मामले में महाराष्ट्र शीर्ष पर है, जहां इस वर्ष 4,35,136 लोग कुत्तों के काटने के शिकार हुए। यहां पिछले साल कुत्तों से पीडि़त लोगों की संख्या 3,90,878 थी। इसके बाद तमिलनाडु का नंबर आता है, जहां 404,488 मामले सामने आए। इसी प्रकार गुजरात में 2,41,846, बिहार में 2,19,086 और उत्तर प्रदेश में 2,18,79 लोगों को कुत्तों ने काटा।
सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, राज्य में हर घंटे 90 लोगों को कुत्तों ने काटा है। इनमें से लगभग 26 फीसदी डॉग बाइट के मामले मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन (MMR) से रिपोर्ट हो रहे हैं। MMR में मुंबई शहर, ठाणे, पालघर और रायगड का शामिल हैं।
डॉग बाइट के रोजाना 2161 मामले
स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक, 1 जनवरी से 30 जून 2023 तक राज्य में 3,89,110 लोग यानी हर दिन 2161 डॉग बाइट के मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। पिछले छह महीने में मुंबई में 41,828, ठाणे में 36,060, पालघर में 13,301 और रायगड में 13,598 डॉग बाइट के मामले दर्ज किए गए हैं। कुल डॉग बाइट के मामलों में से केवल MMR 26 फीसदी मामले रिपोर्ट हुए हैं।
हर घंटे खतरा
10 डॉग बाइट के मामले में मुंबई में
8 डॉग बाइट के मामले में ठाणे में
3 डॉग बाइट के मामले रायगढ़ और पालघर में
कुत्तों के काटने की सबसे कम घटनाएं नगालैंड (569), मिजोरम (1,035), लद्दाख (2,316), मणिपुर (2,511) और अरुणाचल प्रदेश (3,757) से सामने आई हैं। रैबीज रोधी इंजेक्शन की कीमत के सवाल पर मंत्रालय ने कहा कि रैबीज रोधी वैक्सीन (एआरवी) की एक शीशी की कीमत 250 रुपये और रैबीज इम्यूनोग्लोबिन (आरआईजी) की एक शीशी की औसत कीमत 350 रुपये होती है।
मंत्रालय के अनुसार अगर वर्ष दर वर्ष प्रतिशत बढ़त के मामले में देखें तो केरल इस मामले में सबसे आगे रहा है। इसके बाद झारखंड, दिल्ली, असम और चंडीगढ़ में कुत्तों के काटने की घटनाएं सबसे ज्यादा बढ़ीं। इस दक्षिणी राज्य में पिछले साल जहां 4000 लोगों को कुत्तों ने काटा था, इस वर्ष 1,486 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 63,458 ऐसी वारदात हुईं।
कुत्तों के काटने के मामले में दिल्ली में 143 फीसदी की वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल 6,634 के मुकाबले इस वर्ष 16,133 घटनाएं हुईं। हालांकि पिछले पांच साल के आकलन में दिल्ली में 85 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। यहां वर्ष 2018 में 1,07,642 लोगों को कुत्तों ने काटा था।
कुत्तों के काटने और हमला करने की घटनाओं में वृद्धि पर नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने कहा कि एनजीओ की मदद से संस्था नसबंदी, टीकाकरण और रैबीजरोधी टीका लगाने के लिए हर महीने 100 से 125 कुत्तों को सड़कों से उठाकर ले जाती है। एनडीएमसी द्वारा तय एनजीओ औसतन दो से चार कुत्तों की नसबंदी करते हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष अप्रैल से सितंबर के बीच नसबंदी और इलाज के लिए लाए गए कुत्तों की संख्या 451 रही।