Clean Up Marshals : मुंबई में 700 क्लीनअप मार्शल तैनात … नहीं कर पाएंगे ‘झोल’, ऑनलाइन मिलेगी दंड की रसीद
स्वच्छ मुंबई अभियान के तहत अधिक जन-उन्मुख और प्रौद्योगिकी-केंद्रित पहल की जानी चाहिए। साथ ही मनपा आयुक्त भूषण गगरानी और अतिरिक्त मनपा आयुक्त सुधाकर शिंदे ने सिस्टम को और अधिक पारदर्शी व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया है. तदनुसार, क्लीन अप मार्शलों (Clean Up Marshals) के माध्यम से आईटी-आधारित दंड की शुरुआत की गई है।
- कार्रवाई के दौरान वसूले गए जुर्माने को हाथ से लिखने के बजाय मोबाइल ऐप के माध्यम से मुद्रित रसीद देंगे
- मंगलवार से स्वच्छता से जुड़ा एक प्रोजेक्ट शुरू
- सिस्टम को और अधिक पारदर्शी व्यवस्था लागू करने का निर्देश
मुंबई: सार्वजनिक स्वच्छता नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई में अब प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा। नगर पालिका के ‘ए’ डिवीज़न में मंगलवार से स्वच्छता से जुड़ा एक प्रोजेक्ट शुरू किया गया है और अब स्वच्छता के नियमों का उल्लंघन करने वालों को जुर्माने की ई-रसीद मिलेगी. विशेष रूप से प्रशिक्षित किये गए ये क्लीन अप मार्शल (Clean Up Marshals) कार्रवाई के दौरान वसूले गए जुर्माने को हाथ से लिखने के बजाय मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रिंटेड रसीद देंगे। साथ ही जुर्माना भरने के लिए ऑनलाइन पेमेंट का विकल्प भी दिया गया है.
स्वच्छ मुंबई अभियान के तहत अधिक जन-उन्मुख और प्रौद्योगिकी-केंद्रित पहल की जानी चाहिए। साथ ही मनपा आयुक्त भूषण गगरानी और अतिरिक्त मनपा आयुक्त सुधाकर शिंदे ने सिस्टम को और अधिक पारदर्शी व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया है. तदनुसार, क्लीन अप मार्शलों (Clean Up Marshals) के माध्यम से नयी तकनीकि आधारित दंड की शुरुआत की गई है।
यह एक पायलट प्रोजेक्ट है जिसकी प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए, इस टेक्नोलॉजी-आधारित पहल को पूरे मुंबई में लागू किया जाएगा। नगर निगम के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने स्वच्छता नियमों के उल्लंघन के बाद दंडात्मक वसूली के लिए डिजिटल और ऑनलाइन कार्रवाई करने के लिए एक मोबाइल ऐप तैयार किया है।
पूरे मुंबई में प्रत्येक प्रशासनिक प्रभाग में 30 और पूरे प्रभागों में लगभग 700 क्लीनअप मार्शल काम कर रहे हैं । इन सभी को प्रशिक्षण देकर पायलट आधार पर डिजिटल संचालन शुरू किया जाएगा। साथ ही कार्यवाही के डिजिटलीकरण से बीएमसी को कार्रवाई की सटीक और विस्तृत जानकारी मिल पायेगी मसलन क्लीनअप मार्शलों द्वारा किस दिन, किस स्थान पर, किस सेक्शन में, किस प्रकार का और कितना जुर्माना लगाया गया।
नागरिकों को मिलने वाली रसीद पर बीएमसी का लोगो और रसीद नंबर अंकित होगा। इसमें बीएमसी के विभाग का नाम, तारीख, समय और जहां कार्रवाई हुई उस स्थान का अक्षांश और देशांतर (latitude and longitude) भी होगा। जिसके परिणामस्वरूप, दंड प्रक्रिया में कदाचार (misconduct) को रोका जा सकेगा। साथ ही नागरिकों और मार्शलों (Clean Up Marshals) के बीच विवादों से भी बचा जा सकेगा.
क्लीन अप मार्शल (Clean Up Marshals) के मोबाइल फोन में नगर निगम द्वारा विकसित क्लीन अप मार्शल सिस्टम ऐप होगा। इसमें स्वच्छता नियमों को तोड़ने पर पहले से ही वसूली जाने वाली एक निश्चित राशि शामिल होगी। मौजूदा प्रथा के मुताबिक क्लीन अप मार्शल को न्यूनतम 100 रुपये और अधिकतम 1000 रुपये का जुर्माना लगाने का अधिकार होगा. बीएमसी अधिकारीयों ने नागरिकों से इस योजना में सहयोग करने की अपील की है.
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