Palghar Lok Sabha Constituency : पालघर संसदीय क्षेत्र का परिचय और संघर्ष करती महायुति की चुनावी रणनीति
Palghar (ST) Lok Sabha Election-2024
Palghar Lok Sabha Constituency : पालघर जिला,जो मुंबई से कुछ किलोमीटर दूर है, जहां कुपोषण, बेरोजगारी, पलायन, पानी की कमी, मछली उत्पादन में गिरावट और प्रदूषण प्रमुख समस्याएं हैं। मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेस-वे, बुलेट ट्रेन, बाधावन पोर्ट जैसे कई बड़े प्रोजेक्ट पालघर जिले में ही हो रहे हैं। इन परियोजनाओं का स्थानीय लोगों ने व्यापक विरोध किया है।
हालांकि, मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे और बुलेट ट्रेन के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है। किंतु बाधावन बंदरगाह परियोजना में हो रही देरी के कारण स्थानीय लोगों का जनप्रतिनिधियों के खिलाफ काफी अंसतोष है.अब देखना यह है कि क्या ये सभी कारक लोकसभा चुनाव में मतदान को प्रभावित करेंगे?
ऐसा रहा है पालघर संसदीय क्षेत्र का चुनावी इतिहास
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पालघर लोकसभा सीट पर कुल 18 लाख 85 हज़ार 600 मतदाता थे, जिन्होंने शिवसेना (अविभाजित) प्रत्याशी राजेंद्र धेडया गावित को 5,80,479 वोट देकर जिताया था. उधर, बहुजन विकास अघाड़ी उम्मीदवार बालीराम सुकुर जाधव को 4,91,596 वोट हासिल हो सके थे, और वह 88 हज़ार 883 वोटों से हार गए थे. भारत के बेहद महत्वपूर्ण राज्य महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से एक है पालघर संसदीय क्षेत्र,जो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है.
पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में इस सीट पर कुल 18 लाख 85 हज़ार 600 मतदाता थे. उस चुनाव में शिवसेना(अविभाजित) प्रत्याशी राजेंद्र धेडया गावित को जीत हासिल हुई थी, और उन्हें 5 लाख 80 हज़ार 469 वोट हासिल हुए थे. इस चुनाव में राजेंद्र धेडया गावित को लोकसभा सीट में मौजूद कुल मतदाताओं में से 30.78 प्रतिशत का समर्थन प्राप्त हुआ था, जबकि इस सीट पर डाले गए वोटों में से 48.28 प्रतिशत उन्हें दिए गए थे.
वहीं इस सीट पर दूसरे स्थान पर रहे बहुजन विकास अघाड़ी के प्रत्याशी बालीराम सुकुर जाधव को 4 लाख 91 हज़ार 596 वोट मिले थे,जो संसदीय सीट के कुल मतदाताओं में से 26.07 प्रतिशत का समर्थन था,और उन्हें कुल डाले गए वोटों में से 40.89 प्रतिशत वोट मिले थे.इस सीट पर आम चुनाव 2019 में जीत का अंतर 88 हज़ार 883 मतों का रहा था.
इससे पहले, पालघर लोकसभा सीट पर वर्ष 2014 में हुए आम चुनाव के दौरान 15 लाख 78 हज़ार 149 मतदाता दर्ज थे. उस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी चिंतामण नवशा वनगा ने कुल 5 लाख,33 हज़ार,201 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. उन्हें लोकसभा क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से 33.79 प्रतिशत ने समर्थन दिया था, और उन्हें उस चुनाव में डाले गए वोटों में से 53.71 प्रतिशत वोट मिले थे.
उधर दूसरे स्थान पर रहे थे बहुजन विकास अघाड़ी पार्टी के उम्मीदवार बलिराम सुकुर जाधव, जिन्हें 2 लाख 93 हज़ार 681 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, जो लोकसभा सीट के कुल वोटरों का 18.61 प्रतिशत था और कुल वोटों का 29.58 प्रतिशत रहा था. लोकसभा चुनाव 2014 में इस संसदीय सीट पर जीत का अंतर 2 लाख़ 39 हज़ार 520 रहा था.
उससे भी पहले,पालघर संसदीय सीट पर वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान 15 लाख 23 हज़ार 61 मतदाता मौजूद थे, जिनमें से बहुजन विकास अघाड़ी उम्मीदवार बालीराम सुकुर जाधव ने 2 लाख 23 हज़ार 234 वोट पाकर जीत हासिल की थी. बालीराम सुकुर जाधव को लोकसभा क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से 14.66 प्रतिशत वोटरों का समर्थन हासिल हुआ था, जबकि चुनाव में डाले गए वोटों में से 30.47 प्रतिशत वोट उन्हें मिले थे.
दूसरी तरफ, उस चुनाव में दूसरे स्थान पर भाजपा के उम्मीदवार चिंतामण नवशा वनगा रहे थे, जिन्हें 2 लाख 10 हज़ार 874 मतदाताओं का साथ मिल सका था. यह लोकसभा सीट के कुल वोटरों का 13.85 प्रतिशत था और कुल वोटों का 28.78 प्रतिशत था. लोकसभा चुनाव 2009 में इस संसदीय सीट पर जीत का अंतर 12 हज़ार 360 रहा था.
क्षेत्रीय राजनैतिक दल की भूमिका को रहस्मयी बनाती हर पल रंग बदलती सियासी समीकरण
पालघर लोकसभा क्षेत्र में कुल छह विधानसभा क्षेत्र हैं। वर्तमान में इनमें से तीन निर्वाचन क्षेत्रों में बहुजन विकास अघाड़ी का दबदबा है, जबकि अन्य तीन निर्वाचन क्षेत्रों में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, शिव सेना (शिंदे समूह) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के विधायक हैं। इस लोकसभा क्षेत्र के तीन विधानसभा क्षेत्रों बोईसर, नालासोपारा और वसई में बहुजन विकास अघाड़ी के विधायक हैं, जहां मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है और यह पार्टी इन क्षेत्रो में प्रभावी मालुम होती है। ऐसे में राजनैतिक पंडितों की माने तो इस लोकसभा क्षेत्र के परिणाम काफ़ी कुछ बात पर निर्भर करेंगे कि बहुजन विकास अघाड़ी इस चुनाव में क्या भूमिका निभाएगी?
राजनैतिक इतिहास को खंगाले तो पता चलता है कि प्रथागत रूप से बहुजन विकास अघाड़ी के मुखिया हितेंद्र ठाकुर सत्तारूढ़ दल के हमेशा पक्षधर रहे है। इसलिए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस क्षेत्र का भावी सांसद कौन होगा,यह तय करने में हितेंद्र ठाकुर की आवर्ती भूमिका अहम रहने वाली है?
संघर्ष करती भाजपा की चुनावी रणनीति
भाजपा का राष्ट्रीय स्तर पर प्रचंड बहुमत होने के बावजूद स्थानीय स्तर पर पार्टी के अंदर अंतर्कलह और गुटबाजियों के मकड़जाल के कारण अब तक विधानसभा सीटों के साथ-साथ लोकसभा क्षेत्र पर भाजपा का उतना दबदबा जमीनी स्तर पर दिखाई नहीं देता है,ऐसे में भाजपा के रणनीतिकार के लिए चुनौती ये होगा कि महायुति के सीट बंटवारे में ये सीट किसके पाले में जाएगी? क्योंकि यहां पर शिवसेना (शिंदे गुट) पार्टी का निवर्तमान सांसद है और एकनाथ शिंदे के पुत्र श्रीकांत शिंदे ने हाल ही में एक चुनावी कार्यक्रम में अनौपचारिक रूप से राजेंद्र धेडया गावित की उम्मीदवारी का दावा ठोक चुके है!
वहीं भाजपा पालघर संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवारी की स्पष्टता पर चुप है. अभी दो दिन पहले भाजपा वसई विरार जिल्हा कार्यालय के उद्घाटन समारोह और प्रेसवार्ता के दौरान पालघर जिल्हा के पालक मंत्री रविंद्र चौहान से जब मीडिया ने सवाल पूछा कि क्या पालघर लोकसभा चुनाव भाजपा के चुनाव चिन्ह पर होगी? तो पालक मंत्री रविंद्र चौहान इस सवाल से साफ़ तौर पर बचते नज़र आये?
अफवाहों से भरी चुनावी फ़िज़ा यह भी है कि हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हेमंत सावरा, विलास तरे उम्मीदवारी की रेस में हैं? वहीं शिवसेना (शिंदे गुट) पार्टी से मौजूदा सांसद राजेंद्र गावित का नाम तो चर्चा में है ही. भाजपा महायुति में अभी भी उम्मीदवार को लेकर साँप सीढ़ी का खेल ख़त्म नहीं हुआ है,वहीं बहुजन विकास अघाड़ी ने अभी तक उम्मीदवारी के लिए अपने पत्ते नहीं खोले है! लोग ठीक ही कहते है कि चुनाव के मौसम में धूल की तरह उड़ती हैं अफवाहें,सच जानने के लिए सब्र करना पड़ता है! महायुति की इसी रस्साकशी के बीच शिवसेना(UBT) ने भारती कामड़ी की उम्मीदवारी की आधिकारिक घोषणा कर दी है.
सब मिलाकर पालघर संसदीय क्षेत्र की चुनावी परिणामों का भविष्य बहुत कुछ इन प्रश्नो पर निर्भर करता है कि “पहला“,कौन भाजपा महायुति से उम्मीदवार होगा? “दुसरा“,क्या बहुजन विकास अघाड़ी चुनाव लड़ेगी, यदि हां,तो उसकी भूमिका क्या और किस स्वरुप में होगी?
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