वसई-विरार: वसई-विरार महानगरपालिका में अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई तो होती है पर नाम मात्र की और दिखावटी। हमेशा से इन कार्रवाइयों में पक्षपात होने के आरोप भी लग रहे हैं। नगरपालिका के उपायुक्त अजीत मुठे (Ajit Muthe VVCMC) पर वसई विरार शहर के निवासियों द्वारा ‘कॉम्प्रोमाइज बादशाह‘ (Ajit Muthe VVCMC compromise king )होने का आरोप लगाया जा रहा है।
वसई विरार: पालघर जिले की एकमात्र महानगरपालिका, वसई विरार मनपा के 15 वर्षों के कार्यकाल में मनपा अधिकारियों ने शहर में हो रहे अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करते हुए करोड़ों स्क्वायर फीट अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की होगी लेकिन इसके बाद भी वसई विरार शहर पूरी तरह अतिक्रमण ग्रसित होता चला गया और परिणाम यह है कि शहर का अधिकांश हिस्सा अवैध निर्माणों को भेंट चढ़ गया। इससे मनपा अधिकारियों की कथनी और करनी का अंतर जनता को साफ साफ नजर आ रहा है।
इसी क्रम में 3 अक्टूबर, 2024 को भी वसई पूर्व के वालीव प्रभाग में अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम देते हुए, नगर आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त (दक्षिण) के निर्देश पर उपायुक्त (अतिक्रमण विभाग) अजित मुठे (Ajit Muthe VVCMC) के नेतृत्व में तोड़क मुहिम को अंजाम दिया गया। यह कार्रवाई वसई पूर्व स्थित चिंचोटी सर्वे नंबर 32, 33 और गाव मौजे जुचंद्र, परेरा नगर सर्वे नंबर 263 पर की गई जहां इन स्थानों पर बनाए गए लगभग 22700 वर्ग फीट के अवैध औद्योगिक गोदाम, पक्के मकान और अन्य निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया। यह देखना होगा कि इन स्थानों पर फिर से अवैध निर्माण वापस कब खड़ा होता है?
वसई, विरार, नालासोपारा के बाद अब नायगांव में तेजी से मनपा द्वारा कार्रवाई की जा रही है, इसका मतलब अवैध निर्माण उससे ज्यादा तेजी से हो रहा होगा। फिलहाल वर्तमान की बात करें तो वसई विरार शहर महानगरपालिका क्षेत्र में लगभग हर प्रभाव में कहीं ना कहीं अवैध निर्माण जारी हैं वह चाहे महानगरपालिका क्षेत्र हो या तहसील प्रशासन का क्षेत्र हो, अवैध निर्माण से कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं है और लाखों स्क्वायर फीट महीने का अवैध निर्माण काम शुरू है।
विश्वास और सम्मान खोते मनपा अधिकारी
इसी क्रम में हम आपको एक तस्वीर दिखाते हैं जो वसई पूर्व रेंज नाका के आगे भोइदापाड़ा रोड स्थित मेट्रो स्वीट्स के ठीक सामने हरे रंग के कपड़े के अंदर छुपा कर बनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह अवैध निर्माण मनपा अधिकारी के किसी अपने ख़ास व्यक्ति द्वारा खड़ा किया जा रहा है और महानगरपालिका अधिकारी उपायुक्त अजीत मुठे की जानकारी में बनाया जा रहा है।
सवाल उठता है कि जो अधिकारी वसई पूर्व के चिंचोटी में अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने उसी रास्ते से गए और जिन्होंने अन्य अवैध निर्माण कार्यों को तोड़ा उन्हें ठीक सड़क के बगल बन रहा है यह अवैध निर्माण भी तो जरूर दिखा होगा लेकिन फिलहाल वह ‘विशिष्ट’ की श्रेणी में आने की वजह से उस पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई और यह अवैध निर्माण पिछले 15-20 दिनों से लगातार निर्बाध गति से चल रहा है। मतलब कोम्प्रोमाईज़ बादशाह वाला आरोप यहां साबित और सिद्ध होता है.
चलिए कुछ देर के लिए मान भी लिया जाए कि उपायुक्त अजित मुठे को इस अवैध निर्माण की जानकारी नहीं हो सकती है तो बेशक यह फोटो डालने और एड्रेस लोकेशन की जानकारी देने के बाद इस पर तोड़क कार्रवाई होनी चाहिए। अगर कार्रवाई नहीं होती तो इस खबर के शीर्षक में लिखे हुए शब्दों पर आधिकारिक तौर पर मुहर लग जाएगी और कॉम्प्रोमाइज बादशाह का मेडल अजीत मूठे को सम्मान यहां के नागरिकों द्वारा प्रतीकात्मक रूप से नवाज़ दिया जाएगा।
नागरिकों से अपील:
वसई विरार महानगरपालिका प्रशासन नागरिकों से अपील करता है कि यदि उन्हें कहीं भी अवैध निर्माण दिखाई दे तो वे तुरंत महानगरपालिका को सूचित करें।
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