मुंबई

Mumbai : एनसीबी के पंच गवाह प्रभाकर सेल की हार्ट अटैक से मौत

Mumbai : प्रभाकर ने शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ड्रग्स केस में कई ऐसे सनसनीखेज खुलासे किए थे, समीर वानखेड़े पर लगाए थे रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप |

मुंबई | बॉलीवुड स्टार शाहरूख खान के पुत्र आर्यन खान ड्रग्स केस में एक बड़ा ट्विस्ट आ गया है। इस मामले के एनसीबी के पंच गवाह प्रभाकर सेल की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई है। प्रभाकर ने शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ड्रग्स केस में कई ऐसे सनसनीखेज खुलासे किए थे, जिसकी वजह से वो चर्चा में आ गया था।

उसने एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगाया था। इसके बाद एनसीबी सवालों के घेरे में आ गई थी और समीर वानखेड़े को इस केस से भी हाथ धोना पड़ा था। खबरों के अनुसार एनसीबी के पंच गवाह प्रभाकर सेल का कल (1 अप्रैल) निधन हो गया। उनके वकील तुषार खंडारे ने बताया कि कल चेंबूर के माहुल इलाके में उनके घर पर दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।

एनसीबी ने पिछले साल कॉर्डेलिया क्रूज शिप पर छापेमारी की। इस समय शिप पर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान भी मौजूद थे और जैसे ही ये खबर सामने आई, पूरे देश में हलचल मच गई थी। 2 अक्टूबर को हुई छापेमारी के बाद आर्यन को अगले दिन एनसीबी ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उन्हें आर्थर रोड जेल में डाल दिया गया था। आर्यन खान करीब 28 दिनों तक जेल की सलाखों के पीछे रहे थे।

इस दौरान इस केस में हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे थे। इसी दौरान आर्यन की एक सेल्फी वायरल हुई थी, जिसे केपी गोसावी ने खींची थी। ये फोटो देखते ही देखते वायरल हो गई थी और इस पर बहस भी छिड़ गई थी। इसके बाद गोसावी रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया था, लेकिन तभी प्रभाकर सेल सामने आया। उसने दावा किया कि वो केपी गोसावी का पर्सनल बॉडीगार्ड है।
प्रभाकर सेल ने कई चौंकाने वाले दावे किए थे।

उसने बताया कि क्रूज पर जिस रात रेड मारी गई, वो केपी गोसावी के साथ था। उसने गोसावी और सैम नाम के शख्स को एनसीबी के दफ्तर में मिलते देखा था। उसने ये भी खुलासा किया था कि उससे पंचनामा पेपर बताकर खाली कागज पर जबरदस्ती साइन करवाया गया था। प्रभाकर सेल ने एनसीबी पर कई गंभीर आरोप लगाए। उसने दावा किया था कि उसने केपी गोसावी और सैम डिसूजा को आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये लेने की बात सुनी थी।

इसमें 8 करोड़ रुपये एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को दिए जाने थे। प्रभाकर ने ये भी कहा था कि वो किसी दबाव में आकर बयान नहीं दे रहा है और ना ही पैसों के लिए ऐसा कर रहा है। उसने ये भी कहा था कि उसका किसी मंत्री के साथ भी कोई संबंध नहीं है। इस खुलासे के बाद ड्रग्स केस में सबकुछ बदल गया था। एनसीबी खुद सवालों के घेरे में आ गई थी। 

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