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EPC एग्रीमेंट में भ्रष्टाचार और सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर संकट

EPC मॉडल में भ्रष्टाचार से NH 48 की सड़क खराब
EPC मॉडल में भ्रष्टाचार से NH 48 की सड़क खराब

वसई-विरार, 17 सितंबर: भारत में सड़क निर्माण के लिए बढ़ते EPC (Engineering, Procurement, and Construction) एग्रीमेंट मॉडल ने ठेकेदार कंपनियों और उनके सहयोगी कंसल्टेंट्स के लिए भ्रष्टाचार और गुणवत्ता से समझौता करने का रास्ता आसान बना दिया है। इस मॉडल के तहत पूरी जिम्मेदारी ठेकेदार की होती है, डिजाइन से लेकर सामग्री की खरीद, निर्माण प्रक्रिया और गुणवत्ता जांच तक। इस वजह से भ्रष्टाचार की संभावना बहुत बढ़ गई है।

भारतीय रोड कांग्रेस (IRC) और सड़क निर्माण कोड (COAD) के सख्त नियमों के बावजूद, कई बार घटिया सामग्री, अनियमित मिश्रण और जांच में हेराफेरी होती है। परिणामस्वरूप, सड़क की गुणवत्ता गिरती है, जिससे सड़क पर खतरनाक गड्ढे बन जाते हैं, जो जानलेवा साबित हो सकते हैं।

सरकार और नियंत्रण एजेंसियों जैसे NHAI, PWD, MPCB की कागजी कार्रवाई के बावजूद, ठेकेदारों के खिलाफ ठोस कानूनी कार्रवाई कम ही होती है। अधिकांश मामलों में सिर्फ पेनल्टी लगती है, जबकि गंभीर दुर्घटनाओं के लिए कोई प्रभावी दंड नहीं मिलता। यह उत्तरदायित्व की कमी सड़क निर्माण की गुणवत्ता को प्रभावित करती है।

हालांकि, सरकार ने EPC अनुबंधों में सुधार करते हुए “100% क्वालिटी टेस्टिंग” अनिवार्य कर दी है और डिफेक्ट लायबिलिटी की अवधि को 5 से बढ़ाकर 10 वर्ष करने का प्रस्ताव रखा है। फिर भी, जब तक निष्पक्ष मॉनिटरिंग, ब्लैकलिस्टिंग, और नागरिक सहभागिता जैसी व्यवस्थाएँ नहीं होतीं, तब तक भ्रष्टाचार की समस्या बनी रहेगी।

  • EPC एग्रीमेंट क्या है और भ्रष्टाचार को कैसे बढ़ावा देता है?

EPC एक परियोजना मॉडल है जिसमें ठेकेदार डिजाइन, खरीददारी, और निर्माण का पूरा काम संभालता है। इसकी पूरी ज़िम्मेदारी ठेकेदार के ऊपर होती है, जिससे सरकारी निगरानी कम हो जाती है। ठेकेदार अपने फायदे के लिए घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर सकते हैं, गुणवत्ता परीक्षण में गड़बड़ी कर सकते हैं जिससे सड़क की स्थिरता और सुरक्षा प्रभावित होती है।

  • EPC मॉडल और NH 48 की खराब स्थिति के लिए जिम्मेदारी

NH 48 जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग, जो देश की आर्थिक धड़कन हैं, पर EPC मॉडल की वजह से मिलीभगत और भ्रष्टाचार से सड़क की हालत बिगड़ रही है। अत्यधिक ट्रैफिक के बावजूद खराब गुणवत्ता वाले निर्माण की वजह से दुर्घटनाएं बढ़ती हैं और मरम्मत के लिए बार-बार भारी खर्च करना पड़ता है।

सरकार को चाहिए कि EPC के तहत ठेकेदारों की कड़ी समीक्षा करे और सभी निर्माणों में कठोर गुणवत्ता नियंत्रण लागू करे। आवश्यक है कि NH 48 जैसे महत्वपूर्ण हाईवे के रखरखाव और निर्माण में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।

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