Ladakh News: लेह में पर्यावरणविद सोनम वांगचुक के पश्मीना मार्च से ठीक दो दिन पहले लगी धारा 144, जिला मजिस्ट्रेट ने जारी किया आदेश
Ladakh News : लद्दाख के जिला लेह में जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) संतोष सुखदेव के आदेश के अनुसार शुक्रवार को धारा 114 लागू कर दी गई। लेह पुलिस ने बताया कि जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) के आदेश का उल्लंघन करने पर कानून के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
Ladakh News: आदेश में बताया गया है कि उन्हें विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जिले में शांति और व्यवस्था के उल्लंघन होने की संभावना है। इसी संभावित ख़तरे के मद्देनज़र किसी भी गड़बड़ी को रोकने और मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीआरपीसी 1973 की धारा 144 लागू की गई है। आदेश में जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व लिखित मंजूरी के बिना जुलूस, रैलियाें या मार्च के आयोजन पर रोक लगाई गई है।
लाउडस्पीकरों के उपयोग के लिए सक्षम प्राधिकारी से अनुमति लेनी होगी। पूर्वानुमति के बिना सार्वजनिक समारोह पर प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही लोगों को ऐसे बयान देने के प्रति आगाह किया गया है, जो सांप्रदायिक सद्भाव या सार्वजनिक शांति को बाधित कर सकते हैं। सभी गतिविधियों में आदर्श आचार संहिता का अनुपालन एवं कानून का पालन अनिवार्य है। उल्लंघन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सोनम वांगचुक के पश्मीना मार्च से ठीक दो दिन पहले लगी 144
Ladakh News: लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य और संविधान की छठी सूची में इसे शामिल करने को लेकर आंदोलनरत पर्यावरणविद सोनम वांगचुक के सात अप्रैल को चांगथांग क्षेत्र में पश्मीना मार्च निकालने से ठीक दो दिन पहले धारा 144 लगाई गई है। वांगचुक की 21 दिनों की भूख हड़ताल 27 मार्च को समाप्त हुई थी। इसके बाद महिलाओं के एक समूह के साथ 10 दिनों की भूख हड़ताल शुरू की गई है। अब युवा अनशन पर बैठेंगे।
वांगचुक शुक्रवार को लेह में अनशन स्थल पर पहुंचे। यहां से सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से आंदोलनकारियों को डराने की कोशिश की जा रही है। लद्दाख के लोगों का आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। ऐसे में लोगों को भयभीत के बजाय सरकार को चाहिए कि वे उनकी मांगों को पूरा करे। इन मांगों को भारतीय जनता पार्टी ने घोषणा पत्र में भी शामिल किया था।
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