महाराष्ट्रपालघरमुंबई

Leopard Attack Palghar: पालघर में तेंदुए का आतंक, पेड़ कटाई और जंगल नष्ट होने के बाद गांवों पर हमले तेज, 3 लोग गंभीर रूप से घायल,

तलासरी तालुका के करजगांव और धामनगांव में तेंदुए ने मचाया कहर, 3 लोग गंभीर रूप से घायल, वन विभाग की लापरवाही से गुस्से में ग्रामीण

पालघर जिले के तलासरी क्षेत्र में बीते दो सप्ताहों में तेंदुए (Leopard) के लगातार हमलों से ग्रामीण दहशत में हैं। अब तक करजगांव और धामनगांव गांवों में तेंदुए के हमलों में दो किसान और वन विभाग का एक अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। सभी घायलों का इलाज फिलहाल गुजरात के वलसाड में चल रहा है।

वन्यजीवों का गांवों की ओर रुख करने के पीछे की वजह साफ है—जिले में बुलेट ट्रेन, एक्सप्रेस-वे और अन्य मेगा प्रोजेक्ट्स के चलते तेजी से जंगलों की कटाई हो रही है। इससे जानवरों का प्राकृतिक आवास उजड़ रहा है और भोजन-पानी की तलाश में ये हिंसक जानवर इंसानी बस्तियों की ओर बढ़ रहे हैं।

तेंदुए (Leopard) ने मचाई दहशत, तीन हमले—एक सप्ताह में!
शनिवार सुबह करजगांव की चीकू वाड़ी में एक महिला गुलाब मधु वर्था पर झाड़ियों में छिपे तेंदुए ने हमला किया। उनके हाथ, पीठ और गर्दन पर गंभीर जख्म हुए। चीख-पुकार से ग्रामीण इकट्ठा हो गए और तेंदुआ वहां से भाग निकला।

Leopard terror in Palghar
Leopard terror in Palghar

कुछ देर बाद, धामनगांव में मिर्ची के खेत में काम कर रहे किसान राज काकड़्य चिमड़ा पर भी तेंदुए (Leopard) ने हमला कर दिया। इस हमले में उनके पेट, हाथ और पीठ में गहरी चोटें आईं।

वन विभाग की टीम जब तेंदुए को पकड़ने के लिए जाल बिछा रही थी, तभी तेंदुए (Leopard)ने वन रक्षक शैलेश धर्ममेहेर पर हमला कर उन्हें भी गंभीर रूप से घायल कर दिया।

पशुधन पर हमला, वन विभाग पर आरोप
करजगांव के किसान यशवंत चिन्मदा की खरगोश पालन इकाई में शुक्रवार रात तेंदुआ (Leopard) घुस आया और करीब 50 से 60 खरगोशों को मार डाला। यह वही तेंदुआ है जिसने पहले एक महिला और एक अन्य ग्रामीण को घायल किया था।

वन विभाग की कोशिशें नाकाम रहीं—तेंदुए को पकड़ने के लिए बिना बेहोशी के प्रयास किए गए। इससे वह जाल तोड़कर भाग निकला और वन रक्षक पर हमला कर दिया। ग्रामीणों ने इस लापरवाही के लिए वन अधिकारी प्रियंका पाटिल और राजेश सरणीकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

Leopard terror in Palghar
Leopard terror in Palghar

गर्मी से तेंदुए और बंदर भी परेशान
महालक्ष्मीगढ़ जंगल में हाल ही में तीन बार आग लग चुकी है, जिससे वहां के बंदर भी कासा और चरोटी क्षेत्र की बस्तियों में दिखने लगे हैं। इसने इंसान और जानवरों के टकराव को और बढ़ा दिया है।

ग्रामीणों में डर और वन विभाग की नाकामी
गर्मी के कारण किसान सुबह जल्दी खेतों में काम करने जाते हैं, लेकिन इन ताजा हमलों ने कृषि कार्य पर भी संकट खड़ा कर दिया है। वन विभाग की अपर्याप्त व्यवस्था, कमजोर रणनीति और असुरक्षित जाल प्रणाली को लेकर गांवों में भारी रोष है।

नालासोपारा में शिवा फाउंडेशन ने 100 पेड़ लगाकर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

Show More

Related Articles

Back to top button