Loksabha Election 2024 Second Phase Polling : चुनाव आयोग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार शाम 7 बजे तक 13 राज्यों की 88 सीटों पर औसतन 60.96 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. पूर्वोत्तर राज्यों में 75 फीसदी से अधिक वोटिंग हुई. वहीं छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के 102 गांवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ.
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में शुक्रवार को देशभर की 88 सीटों पर मतदान हुए. मौसम की तपिश और स्कूली छुटियों का प्रभाव दूसरे चरण में वोटिंग पर देखने को मिला.आंकड़े भी इसकी तस्दीक करते हैं. इस दौरान नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में बंपर वोटिंग देखी गई. वहीं महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में मतदान धीमा रहा.
कहां पड़े कितने वोट ?
दूसरे चरण में सबसे ज्यादा असम में 70.68 प्रतिशत, मणिपुर में 77.18 प्रतिशत और त्रिपुरा में 77.97 प्रतिशत मतदान हुआ. वहीं सबसे कम महाराष्ट्र में 53.71 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 54.85 प्रतिशत वोटिंग हुई.
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में असम में 70.68 प्रतिशत, बिहार में 54.17 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 72.51 प्रतिशत, जम्मू और कश्मीर में 67.22 प्रतिशत, कर्नाटक में 64.57 प्रतिशत, केरल में 65.04 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 55.32 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 53.71 प्रतिशत, मणिपुर में 77.18 प्रतिशत, राजस्थान में 60.06 प्रतिशत, त्रिपुरा में 77.97 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 54.85 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 71.84 प्रतिशत वोटिंग हुई.
2019 की तुलना में वोटिंग हुई कम
लोकसभा चुनाव के पहले चरण की तरह ही शुक्रवार को हुए दूसरे चरण में भी मतदान 2019 की तुलना में कम ही हुए. दूसरे चरण में 13 राज्यों की सभी 88 सीटों पर वोटिंग हुई. शाम 5 बजे तक उपलब्ध डेटा ने संकेत दिया कि लोकतंत्र के महापर्व में मतदाताओं की भागीदारी में व्यापक गिरावट आई है. पिछले लोकसभा चुनाव में, भारत में औसतन लगभग 70 प्रतिशत मतदान हुआ था, लेकिन इस साल के लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में उल्लेखनीय कमी देखी गई. शाम 5 बजे तक केवल 60 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.
50 प्रतिशत से कम मतदान वाले निर्वाचन क्षेत्र
छह निर्वाचन क्षेत्रों- मध्य प्रदेश में रीवा, बिहार में भागलपुर, उत्तर प्रदेश में मथुरा और गाजियाबाद, और कर्नाटक में बेंगलुरु दक्षिण और सेंट्रल में वोट डालने के लिए 50 प्रतिशत से कम मतदाता मतदान केंद्रों पर आए. राज्य-वार, असम में सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत में आठ प्रतिशत से लेकर 13.9 प्रतिशत तक की कमी देखी गई. बिहार के निर्वाचन क्षेत्रों में 8.23 प्रतिशत से 12 प्रतिशत की गिरावट देखी गई.
सबसे कम मतदान वडकारा(केरल) में
छत्तीसगढ़ में तुलनात्मक रूप से मामूली गिरावट देखी गई, जिसमें सबसे मामूली गिरावट केवल 0.86 प्रतिशत थी. कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों में भी महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई, केरल में दोहरे अंकों में गिरावट देखी गई, जिनमें से सबसे बड़ी गिरावट वडकारा(केरल) में 18.24 प्रतिशत थी. इसी तरह, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में मतदान में असामान्य गिरावट देखी गई, राजस्थान के अजमेर जिले में 14.89 प्रतिशत की उल्लेखनीय गिरावट देखी गई.
त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों ने इस गिरावट की प्रवृत्ति का ही ट्रेंड देखा गया, जिससे पूरे मंडल में चुनावी व्यस्तता में व्यापक कमी की पुष्टि हुई. किसी भी राज्य में मतदान प्रतिशत में वृद्धि नहीं दिखी है, जो कि चुनाव के इस चरण में मतदाताओं की कम भागीदारी की एक राष्ट्रव्यापी प्रवृत्ति को उजागर करता है.
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