मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री से मिले आश्वासन के बाद 2 जुलाई को होनेवाले हड़ताल को स्कूल बस मालिकों ने ताल दिया है, परन्तु अन्य परिवहन संगठनों ने हड़ताल को लेकर सख्त रुख अपनाया है।
महाराष्ट्र, 2 जुलाई: महाराष्ट्र में ट्रैफिक विभाग द्वारा जारी ई-चालानों को लेकर हो रहे विवाद के बीच राज्य की परिवहन यूनियनों ने हड़ताल की घोषणा की थी। हालांकि, स्कूल बस मालिकों ने मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री से मिले आश्वासन के बाद 2 जुलाई से प्रस्तावित हड़ताल को टाल दिया है।
स्कूल बस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल गर्ग ने बताया कि मुख्यमंत्री ने समिति को बैठक के लिए आमंत्रित किया है, जिसमें उनकी मांगों पर चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय से लिखित आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल टालने का फैसला किया गया।
लेकिन दूसरी ओर, मालवाहक वाहन चालक अभी भी अपने फैसले पर कायम हैं। ‘परिवहन संघर्ष समिति’ के बैनर तले ये चालक ई-चालान प्रणाली को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह व्यवस्था वाहन मालिकों और चालकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डाल रही है।
महाराष्ट्र स्टेट मोटर ओनर्स एसोसिएशन ने भी इस अनिश्चितकालीन हड़ताल को समर्थन दिया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलास मुरलीधर पिंगले ने कहा कि उत्तर प्रदेश की तरह महाराष्ट्र सरकार को भी पुराने ई-चालान जुर्माने माफ करने चाहिए।
यह आंदोलन 16 जून से आज़ाद मैदान में शुरू हुआ था और 25 जून तक इसमें स्कूली वाहन, स्टाफ बस, निजी बस, उबर चालक और अन्य परिवहन सेवा देने वाले शामिल हो चुके हैं।
परिवहन मंत्री द्वारा समिति बनाने की घोषणा के बावजूद यूनियनों का आरोप है कि 15 दिन में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। यदि सरकार जल्द हल नहीं निकालती, तो आने वाले दिनों में लॉजिस्टिक्स और माल आपूर्ति पर बड़ा असर पड़ सकता है।