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मुंबई-अहमदाबाद हाईवे व्हाइट टॉपिंग समस्या: मुंबई-अहमदाबाद NH 48 पर ‘जोख़िम में जान’, हादसों में वृद्धि, यात्रा में जान का ख़तरा

मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर कंक्रीट सड़क निर्माण के चलते जाम में फंसी गाड़ियाँ

मुंबई-अहमदाबाद हाईवे (NH-48) पर व्हाइट टॉपिंग (कंक्रीट रोडिंग) निर्माण कार्य के चलते यात्रियों को लंबे समय से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चूंकि परियोजना अभी तक पूरी नहीं हो पाई है, वहीं खराब लेवलिंग और कई जगह घटिया निर्माण ने हालत और बिगाड़ दी है—यात्रा अब न केवल कठिन, बल्कि जोखिम भरी भी हो गई है.

  • बार-बार और लंबा ट्रैफिक जाम:
    हाईवे के कई हिस्सों पर चल रहे निर्माण कार्य के कारण गाड़ियों की आवाजाही बार-बार बाधित हो रही है। सुबह-शाम ऑफिस टाइम में विशेषकर जाम की स्थिति बहुत विकराल हो जाती है, जिसमें कभी-कभी 10–15किमी की दूरी तय करने में 2–3 घंटे तक लग जाते हैं।

  • सड़क के असमान और खतरनाक हिस्से:
    अभी कई हिस्सों में नया कंक्रीट रहने के बावजूद सड़क की सतह असमान है—घटिया लेवलिंग के कारण वाहन हिचकोले खाते हैं, जिससे दोपहिया और हल्के वाहन चालकों के लिए खतरा और दुर्घटना की संभावना बढ़ी है।

  • मानसून में जलभराव और खराब सर्विस रोड:
    तेज बारिश के समय नये व पुराने हिस्सों पर जलजमाव हो जाता है। सड़क के किनारों पर सड़ गल गई है और सर्विस रोड गढ्ढों व पानी से भर गए हैं। इससे बदबू, जाम और दुर्घटनाएं आम हो गई हैं।

  • यात्रा में मानसिक व शारीरिक थकान:
    ट्रैफिक जाम, हिचकोलेदार सड़क, अत्यधिक शोर और बढ़ी यात्रा समय की वजह से यात्रियों को मानसिक थकान, गुस्सा और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत (जैसे कमर, पीठ में दर्द) का सामना करना पड़ रहा है।

  • व्यापार व आर्थिक असर:
    ट्रांसपोर्ट में देरी से औद्योगिक क्षेत्रों (विशेषकर वसई-विरार) में कच्चा माल व सामान समय पर नहीं पहुँचता, जिससे फैक्ट्रियों व व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।

  • रात के समय ज्यादा खतरा:
    कई फ्लाईओवर पर स्ट्रीटलाइट नहीं जलतीं, सड़क सतह सुरक्षित ऊँचाई से ऊपर आ गई है, जिससे सुरक्षा दीवारें कम कारगर हैं—यह दोपहिया व अनजान यात्रियों के लिए और जोखिम भरा है।

  • प्रशासनिक लापरवाही:
    बार-बार शिकायत और मीडिया रिपोर्ट्स के बावजूद प्रशासन व ठेकेदारों ने जमीनी स्तर पर कोई ठोस समाधान नहीं निकाला है, जिससे यात्रियों में आक्रोश बढ़ रहा है।

कुल मिलाकर, मुंबई–अहमदाबाद हाईवे पर सफर अब न केवल समय लेने वाला, बल्कि थका देने वाला, असुरक्षित और कई बार खतरनाक भी बन गया है—खासकर जब तक व्हाइट टॉपिंग का पूरा कार्य सही तरीके से नहीं होता और सड़क की गुणवत्ता और ट्रैफिक प्रबंधन में सुधार नहीं किया जाता।

यह भी पढ़ें: Palghar Highway Traffic Jam: पालघर हाईवे पर VIP दौरे के बाद बुरा हाल: गड्ढे, जाम और प्रशासन की लापरवाही उजागर

जनवरी से जुलाई 2025 के बीच NH‑48 (मुंबई–अहमदाबाद हाईवे) पर कई प्रमुख सड़क हादसे सामने आए, जिनकी वजह से जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ। नीचे तारीख, स्थान, घटना की प्रकृति और उसका प्रभाव दर्शाने वाली मुख्य दुर्घटनाएँ दी जा रही हैं:

तारीख स्थान घटना का विवरण प्रभाव
जनवरी-जून 2025 मुंबई-अहमदाबाद हाईवे, पूरे खंड कुल 50 गंभीर सड़क हादसे—बहुत से केसों में निर्माण कार्य, असमान सतह, ट्रैफिक डायवर्जन व चालक की लापरवाही जिम्मेदार 30 से अधिक लोगों की मौत, सैकड़ों घायल
22 जून 2025 पालघर (खरडतारा के पास) एक तेज रफ्तार ईच्छर ट्रक अन्य वाहन से टकरा गया, चालक की मौक़े पर ही मौत 1 मौत; गंभीर जाम और यातायात बंद
फरवरी 2025 वसई फाटा–नायगांव (पालघर) निर्माण क्षेत्र में ट्रैफिक डायवर्जन न होने और लेन घटने से भारी हादसा—बस, कारें व ट्रक टकराए कुछ घायल, लंबा जाम, एम्बुलेंस फंसीं
जून 2025 पालघर ज़िले में दो लगातार हादसे एक ही हफ्ते में दो कारों की, ट्रक के साथ भिड़ंत—दोनों हादसे घातक रहे कम-से-कम 3 मौतें; लोकल ट्रैफिक प्रभावित
कई अवसर वसई, विरार, नालासोपारा–अच्छाद निर्माण के दौरान पानी भरने से सड़क पर वाहनों के पलटने या टकराने की घटनाएँ वृद्धि—दर्जनों छोटे-बड़े हादसे और बार-बार जाम

सामान्य अवलोकन:

  • पूरे छः महीनों में औसतन हर सप्ताह एक से अधिक जानलेवा हादसे होते रहे हैं।

  • प्रमुख कारणों में असमान कंक्रीट सतह, निर्माण क्षेत्र में समुचित डायवर्जन और संकेत न देना, रात में स्ट्रीटलाइट का न जलना, बारिश के मौसम में जलभराव, और ओवरटेकिंग व तेज रफ्तार वाहन शामिल हैं।

  • सड़क के किनारे सुरक्षात्मक दीवारें अपेक्षाकृत कमज़ोर पड़ गईं, जिससे वाहनों के हाईवे से नीचे गिरने या पलटने के जोखिम बढ़े।

  • कई बार जाम की वजह से एम्बुलेंस और राहत वाहन तक समय पर मौके पर नहीं पहुँच सके, जिससे घायलों की हालत बिगड़ने और मौत होने की घटनाएँ बढ़ीं।

जनवरी–जुलाई 2025 के दौरान NH‑48 पर व्हाइट टॉपिंग निर्माण और उससे जुड़ी अव्यवस्थाओं के चलते सड़क सुरक्षा की स्थिति गंभीर बनी रही, ऐसे में आने वाले मानसून व त्यौहार सीजन में यात्रियों को और भी सतर्क रहने की ज़रूरत है.

 

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