मुंबई एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने बैंकॉक से आए एक यात्री के बैग से दुर्लभ जीवों की तस्करी को नाकाम कर दिया। बैग में बंद दो किन्काजू, दो पिग्मी मार्मोसेट और 50 अल्बिनो रेड ईयर्ड स्लाइडर कछुए बरामद हुए। आरोपी गिरफ्तार, जीवों को सुरक्षित किया गया।
मुंबई, 9 अगस्त: छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, मुंबई पर कस्टम अधिकारियों ने एक ऐसी कार्रवाई की, जिसने मानव स्वार्थ और लालच की एक भयावह तस्वीर उजागर की। बैंकॉक से मुंबई आने वाली फ्लाइट 6E1052 से पहुंचे यात्री शाहरुख़ मोहम्मद हस्सियन को संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर रोका गया। तलाशी लेने पर उनके डार्क ग्रे रंग के ट्रॉली बैग से जीवित वन्यजीव बरामद हुए, जिन्हें अवैध रूप से भारत में लाया जा रहा था।
-
मासूम जीव, अंधेरे बैग और दम घोंटती तस्करी
बरामद जानवरों में दो किन्काजू (Kinkajou), दो पिग्मी मार्मोसेट (Pygmy Marmoset) और 50 अल्बिनो रेड ईयर्ड स्लाइडर कछुए शामिल थे। किन्काजू और पिग्मी मार्मोसेट दोनों CITES (वन्यजीवों की अंतरराष्ट्रीय व्यापार संधि) के तहत संरक्षित प्रजातियाँ हैं और भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-IV में सूचीबद्ध हैं। इन्हें ट्रॉली बैग में अत्यंत अमानवीय तरीके से छुपाकर लाया गया था, जहाँ उन्हें सांस लेने तक की पर्याप्त जगह नहीं दी गई थी। यह दृश्य बेहद दर्दनाक था, ऐसे जीव जिन्हें जंगलों की आज़ादी में जीना चाहिए, वे एक बैग के अंधेरे में बंद थे, सिर्फ तस्करी के लिए।
नासिक में दर्दनाक हादसा: चांदवाड़ में टेम्पो की चपेट में आए 12 स्कूली बच्चे, चार की हालत नाज़ुक
-
कस्टम अधिकारियों की सतर्कता ने बचाई कई जानें
मुंबई कस्टम ज़ोन-III के अधिकारियों की सतर्कता और संवेदनशीलता के चलते इन जानवरों को समय रहते बचा लिया गया। जैसे ही अधिकारियों को खुफिया सूचना मिली, उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया और बरामद जानवरों को सुरक्षित किया। अब इन जीवों की मेडिकल जांच की जा रही है और उन्हें उपयुक्त वन्यजीव पुनर्वास केंद्रों में भेजा जाएगा, ताकि वे अपनी प्राकृतिक जीवनशैली में वापस लौट सकें। यह सिर्फ एक तस्करी की कोशिश को नाकाम करना नहीं था, बल्कि दर्जनों मासूम ज़िंदगियों को मौत के मुंह से निकालने जैसा था।
-
वन्यजीव तस्करी: एक बढ़ता खतरा और हमारी ज़िम्मेदारी
यह घटना एक बार फिर इस सच्चाई को उजागर करती है कि जीव-जंतुओं की तस्करी अब भी एक गंभीर और संगठित अपराध बना हुआ है। दुर्भाग्यवश, कुछ लोग पैसा कमाने के लालच में इन मासूम जीवों को क्रूरता से पकड़ते, छुपाते और बेचने की कोशिश करते हैं। लेकिन अब समय आ गया है कि समाज और व्यवस्था दोनों मिलकर ऐसे अपराधों के ख़िलाफ़ एक मज़बूत रुख अपनाएं। यह सिर्फ क़ानूनी लड़ाई नहीं, बल्कि नैतिक ज़िम्मेदारी भी है कि हम इन मूक जीवों की सुरक्षा करें। मुंबई कस्टम की यह कार्रवाई न सिर्फ सराहनीय है, बल्कि एक मिसाल भी है कि अगर हम सतर्क और संवेदनशील हों, तो कई ज़िंदगियों को बचाया जा सकता है।
BMC के पेरिफेरल अस्पतालों में शुरू होंगे सस्ते डायलिसिस सेंटर, मात्र ₹500 प्रति सत्र