Marathi-Hindi Language Controversy: मीरा रोड, पालघर और मुंबई के कई इलाकों में बढ़ते भाषा विवाद के बीच राज ठाकरे की मनसे ने गुजरात बीजेपी विधायक वीरेंद्र बहादुर सिंह जाडेजा को मराठी बोर्ड लगाने के लिए दबाव डाला। मनसे की इस हरकत से राजनीतिक और सामाजिक तनाव बढ़ गया है।
मुंबई, 22 जुलाई: महाराष्ट्र में भाषा विवाद एक बार फिर सियासी तूल पकड़ता नजर आ रहा है। राज ठाकरे की पार्टी मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) के कार्यकर्ताओं ने गुजरात के विधायक वीरेंद्र बहादुर सिंह जाडेजा को चेतावनी दी कि वे अपने गुजराती बोर्ड को मराठी में बदल लें।
मनसे की चेतावनी के कुछ ही घंटों के भीतर, मुंबई के सीवुड्स सेक्टर 42 स्थित उनके जनसंपर्क कार्यालय का साइनबोर्ड मराठी में बदल दिया गया। यह घटना संकेत देती है कि भाषाई असहिष्णुता अब एक बार फिर राजनीतिक मुद्दा बन रही है।
📍 वीरेंद्र बहादुर सिंह जाडेजा, जो कच्छ जिले की रापर विधानसभा से विधायक हैं और कच्छ राजपूत क्षत्रिय सभा के प्रमुख भी हैं, ने यह बदलाव मनसे की चेतावनी के बाद किया।
🔺 मनसे के कार्यकर्ताओं द्वारा हाल के दिनों में गैर-मराठी भाषाओं को टारगेट करना कई बार सामने आया है, खासकर मीरा भाईंदर, पालघर और मुंबई के विभिन्न हिस्सों में।
🗣️ राज ठाकरे पहले भी स्पष्ट रूप से कह चुके हैं:
“अगर महाराष्ट्र में हिंदी भाषा थोपी गई, तो हम स्कूल बंद कर देंगे।”
यह बयान और मौजूदा घटनाएं राज्य में भाषा के नाम पर तनाव और नफरत को जन्म दे रही हैं।
⚖️ इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है और सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल की गई है।