भारी बारिश के बीच जब मुंबई का परिवहन ठप हो गया, तब कुछ ऐप-आधारित कैब कंपनियों ने किराए में मनमानी की। सरकार ने ऐसे 36 कैब ऑपरेटरों को पकड़ा और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की।
मुंबई, 22 अगस्त: मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश ने जनजीवन बुरी तरह प्रभावित किया। लोकल ट्रेनें रद्द हो गईं, सड़कों पर पानी भर गया और बस सेवाएं बंद हो गईं। ऐसे संकट के समय में जब आम जनता को सस्ते और सुरक्षित सफर की ज़रूरत थी, तब कुछ कैब एग्रीगेटर कंपनियों ने मौके का फायदा उठाया। यात्रियों से सामान्य किराए से तीन से चार गुना अधिक राशि वसूल की गई। उदाहरण के तौर पर, जहां आम तौर पर ₹200 का किराया होता है, वहां यात्रियों से ₹600 से ₹800 तक लिया गया।
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मंत्री सरनाईक का सख्त रुख, विभागों को कार्रवाई के आदेश
राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए गुरुवार को परिवहन विभाग और मुंबई पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए कि ऐसे शोषण के खिलाफ तत्काल और कठोर कार्रवाई की जाए। मंत्री ने कहा कि “सरकार इस तरह की लूट को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। जो कंपनियां आपदा के समय यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाकर अधिक किराया वसूल रही हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होगी और लाइसेंस तक रद्द किया जा सकता है।”
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147 कैब पर कार्रवाई, 36 दोषी पाए गए
सरनाईक के निर्देशों के बाद मोटर परिवहन विभाग और मुंबई पुलिस ने संयुक्त रूप से शहर और उपनगरों में बड़े पैमाने पर जांच अभियान चलाया। इस दौरान कुल 147 ऐप-आधारित टैक्सियों की जांच की गई, जिनमें से 36 कैब को यात्रियों से अधिक किराया वसूलते हुए पकड़ा गया। यह कार्रवाई सरकार की इस दिशा में गंभीरता और तत्परता को दर्शाती है कि सार्वजनिक हितों की सुरक्षा किसी भी कीमत पर सर्वोपरि है। विभाग अब आगे भी ऐसे ऑपरेटरों पर नजर बनाए रखेगा ताकि भविष्य में कोई पुनरावृत्ति न हो।
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आगे की जांच के लिए साइबर सेल की सहायता
मंत्री सरनाईक ने मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती से भी इस विषय पर बातचीत की और सुझाव दिया कि दोषी कैब कंपनियों के डिजिटल सिस्टम और ऐप्स की जांच के लिए साइबर सेल को शामिल किया जाए। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कहीं किराया निर्धारण के एल्गोरिदम में जानबूझकर बदलाव तो नहीं किया गया। राज्य सरकार का इरादा स्पष्ट है, आपातकालीन परिस्थितियों में जनता के अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए और प्राइवेट कंपनियां उस दौरान किसी भी प्रकार का अनुचित लाभ न उठा सकें।
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