नागपुर में जवान द्वारा भीड़ पर वाहन चढ़ाने की खबर को भारतीय सेना ने बताया झूठ, जांच में किसी भी नागरिक के घायल होने की नहीं हुई पुष्टि, दर्ज हुई FIR
महाराष्ट्र, 5 अगस्त: भारतीय सेना ने उन वायरल मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स को सिरे से खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया था कि नागपुर जिले के नागर्दन क्षेत्र में एक नशे में धुत्त सैनिक ने कार से 25–30 लोगों को कुचल दिया। सेना ने इसे पूरी तरह झूठा, भ्रामक और तथ्यहीन बताया है, जिससे सेना की छवि को नुकसान पहुंचा है। जांच में पाया गया कि इस तरह की कोई घटना नहीं हुई थी।
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मामूली विवाद बना झूठी खबर की वजह
सेना के अनुसार, हवलदार हर्ष पाल महादेव वाघमारे छुट्टी पर अपने गृहनगर रामटेक आए थे। 3 अगस्त की शाम को नागर्दन में पार्किंग को लेकर उनका कुछ स्थानीय लोगों से हल्का विवाद हुआ था। जब मामला बढ़ा, तो चार युवकों ने उनका पीछा किया। जान बचाने की कोशिश में उनकी कार एक पेड़ से टकरा गई, जिसके बाद उन पर हमला किया गया और कार को क्षतिग्रस्त कर नाले में फेंक दिया गया। किसी भी व्यक्ति के घायल होने या जवान के नशे में होने की पुष्टि नहीं हुई है।
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सेना और पुलिस की संयुक्त पुष्टि
इस घटना के बारे में 4 अगस्त को रामटेक पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस अधीक्षक, नागपुर ग्रामीण और सेना दोनों ने जांच के बाद यह साफ किया है कि जवान निर्दोष है और उस पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। इस प्रकार की खबरें न केवल सेना की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि आम जनता में भ्रम और अविश्वास भी फैलाती हैं।
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सेना की मीडिया से अपील
सेना ने मीडिया से अपील की है कि ऐसे संवेदनशील मामलों में जिम्मेदारी के साथ रिपोर्टिंग करें और तथ्यों की पुष्टि के बिना सनसनीखेज खबरें न फैलाएं। सेना ने दोहराया है कि वह अपने सभी जवानों के सम्मान और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच कर रही है।
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