🔴 नालासोपारा में जर्जर इमारत भरभराकर गिरी, आस पास की इमारतें भी चपेट में आई — लोग बेघर, राहत कार्य जारी
नालासोपारा (अलकापुरी रोड), 5 जुलाई: बीते ४ जुलाई की रात एक बड़ा हादसा टल गया, जब साईं राज नामक इमारत अचानक झुककर खतरनाक स्थिति में आ गई। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए इमारत को तुरंत खाली करवा लिया और उसमें रह रहे सभी निवासियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। लेकिन अफसोस की बात यह रही कि किसी को अपना जरूरी सामान और दस्तावेज तक निकालने का मौका नहीं मिल सका।
इसके अगले ही दिन, यानी ५ जुलाई की दोपहर लगभग ४ बजे के करीब साईंराज नामक इमारत अचानक ढह गई। गनीमत रही कि इमारत पहले ही खाली करवा ली गई थी, जिससे किसी तरह की जानहानि नहीं हुई। हालांकि इस घटना ने क्षेत्रवासियों और विस्थापित परिवारों के दिलों में दहशत भर दी।
इस हादसे का असर इमारत के ठीक बगल में स्थित कुसुम नामक इमारत पर भी पड़ा, जिसके चार फ्लैट गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। मौके की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने कुसुम इमारत को भी खतरनाक घोषित कर उसे ढहाने का निर्णय लिया और उस पर तोड़क कार्रवाई जारी है।
पीड़ित निवासी मलबे में दबे अपने सामान और जरूरी कागज़ातों की लगाते रहे गुहार
प्रभावित निवासी मलबे में फंसे ज़रूरी सामान और कागज़ातों के लिए गुहार लगाते रहे, मगर सुरक्षा कारणों से किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। कई फ्लैटधारक रोते-बिलखते नजर आए और प्रशासन से कम से कम सामान निकालने की अनुमति मांगते रहे, मगर अधिकारियों ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए किसी को इमारत के भीतर जाने नहीं दिया। मौके पर वसई विरार मनपा की प्रभारी सहायक आयुक्त अश्विनी मोरे, चोले पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुजीत कुमार पवार, दमकल विभाग की टीम, और अनेक अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
ढहाई की पूरी कार्रवाई वसई-विरार शहर महानगरपालिका के अधिकारियों की निगरानी में की जा रही है। घमौके पर भारतीय जनता पार्टी की जिलाध्यक्ष प्रज्ञा पाटिल, जिला उपाध्यक्ष मनोज बारोट तथा बहुजन विकास आघाड़ी के कुछ नेता भी मौजूद थे।
यह पूरी घटना इस बात का संकेत देती है कि वसई विरार क्षेत्र में हजारों जर्जर इमारतें आज भी खतरे की घंटी बनी हुई हैं। यदि समय रहते इन इमारतों की पहचान कर इन्हें खाली नहीं कराया गया, तो भविष्य में इससे भी भयावह हादसे हो सकते हैं। अब समय आ गया है कि महानगरपालिका, राज्य सरकार और जनप्रतिनिधि मिलकर जर्जर इमारतों को चिन्हित कर युद्ध स्तर पर क्लस्टर डेवलपमेंट योजना के तहत सुरक्षित पुनर्वसन की प्रक्रिया शुरू करें, ताकि गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को न्याय मिल सके और उनकी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
यह हादसा वसई-विरार क्षेत्र में मौजूद सैकड़ों जर्जर इमारतों की खतरनाक स्थिति को उजागर करता है। समय रहते क्लस्टर डेवलपमेंट और पुनर्विकास योजनाओं को लागू नहीं किया गया, तो भविष्य में इससे बड़े हादसे हो सकते हैं।
– मेट्रो सिटी समाचार, वसई विरार
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