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Nalasopara Dwarka Hotel Fire : गुजरात गैस के खिलाफ लोगों में आक्रोश, विरोध का स्वर मुखर

Nalasopara Dwarka Hotel Fire Incident VVCMC

पालघर : नालासोपारा में हुए भीषण अग्निकांड (Nalasopara Dwarka Hotel Fire) मामले में महानगरपालिका की हो रही किरकिरी के बीच अब सोसायटी वालों ने विरोध का स्वर मुखर करने का मन बना लिया है।

नालासोपारा पूर्व के अचोले  रोड स्थित द्वारका होटल में हुई भीषण आगजनी मामले के पीड़ितों में सिर्फ वही लोग नहीं शामिल हैं जिन्हे आग ने चोट पहुंचाई है बल्कि वो सैकड़ों परिवार भी उन्ही पीड़ितों में शामिल है जिनके घर चूल्हे नहीं जल रहे।

अब पिक्चर में गुजरात गैस

नालासोपारा अग्निकांड में मुख्यतः मनपा (VVCMC) ठेकेदार की लापरवाही सामने आई है जिसकी वजह से ना सिर्फ एक होटल व्यापारी बल्कि सोसायटी के लोगों का भी भारी नुकसान हुआ है।

होटल के करीब,गहराई से जा रही गुजरात गैस की पाइपलाइन से छेड़छाड़ के बाद निकली ज्वलनशील गैस ने तबाही मचा दी थी। मनपा द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों के नाम पर चल रही मनमानी के चलते आए दिन सड़कों का हिस्सा खुदा हुआ पड़ा रहता है। ऐसी ही एक लापरवाह श्रेणी की खुदाई के चलते गुजरात गैस की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई और बीते 36 घंटों से सैकड़ों परिवारों के घर चूल्हे नहीं जल रहे। लोग यहां वहां से खाने पीने का सामन लाकर किसी तरह ये कठिन समय निकाल रहे हैं और इधर गुजरात गैस पाइप लाइन ठीक करने के लिए प्रयासरत है लेकिन सलोमी सोसायटी के लोगों ने गैस कंपनी का विरोध किया है।

उनकी मांग है कि गुजरात गैस के अधिकृत अधिकारी उन्हें लिखित आश्वासन दें तभी पाइपलाइन रिपेयर करने दिया जाएगा। इस बाबत सोसायटी के सेक्रेटरी डॉ अजय दुबे ने मेट्रो सिटी समाचार से बात करते हुए बताया कि गुजरात गैस कंपनी ने आवश्यक सुरक्षा मानकों को अनदेखी करते हुए व्यवसाय कर रही है। उनकी इसी अनदेखी के कारण ही यह भीषण हादसा सामने आया है।अगर कंपनी ने सुरक्षा मानकों के अनुरूप वहां बोर्ड बैनर इत्यादि लगाया होता तो खुदाई करने वाले श्रमिकों को इसकी गंभीरता का पता चलता।

सड़कों पर उतर सकते हैं परिवार

सूत्र बताते हैं कि बीते 36 घंटों से खाने पीने की समस्या से जूझ रहे उपभोक्ता गुजरात गैस के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर सड़क पर भी उतरने का मन बना रहे हैं। इधर गुजरात गैस के कर्मचारी पाइपलाइन रिपेयरिंग के लिए हफ्ते भर का समय बता रहे हैं।

अधिकारियों की अनदेखी पड़ गई भारी

इस मामले में देखा जाए तो महानगरपालिका के अधिकारियों की बड़ी चूक सामने आई है। क्योंकि जहां भी ऐसे ज्वलनशील और विस्फोट इत्यादि सामग्री होती है वहां बेहद सावधानी से कार्यों को अंजाम दिया जाना चाहिए। ऐसी जगहों पर खुदाई से पूर्व सुरक्षा मानकों की पड़ताल के साथ, आग से लड़ने की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त होनी चाहिए। मनपा द्वारा उपलब्ध करवाए गए नक्शे के अनुसार ही खुदाई की जानी चाहिए जिससे जमीन के अंदर स्थित अन्य व्यवस्थाओं से छेड़छाड़ ना हो पाए।

चश्मदीदों ने बताया कि आगजनी के इस पूरे मामले में जेसीबी चालक और कुछ मजदूरों के अलावा साइट पर मनपा के इंजीनियर और कंपनी के इंजीनियर नदारद थे और जेसीबी वाले ने अपनी मनमर्जी के हिसाब से ब्लास्ट होने तक खुदाई शुरू रखी और इस अग्निकांड ने मूर्त रुप ले लिया।

फिलहाल इस मामले पर मनपा अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं, पुलिस आगे की जांच में जुटी है।

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