पालघर पुलिस ने १२ अगस्त की पेट्रोलिंग के दौरान अंतरराज्यीय शराब तस्करी का पर्दाफाश किया—सिल्वर मारुति गाड़ी से ₹6.19 लाख के विदेशी शराब जब्त, अज्ञात आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुआ केस।
पालघर, 13 अगस्त: पालघर में पुलिस अधीक्षक यतिश देशमुख के निर्देश पर स्थानीय पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने एक बड़े अपराध को नाकाम कर दिया। 12 अगस्त 2025 की बात है, जब स्थानीय गुन्हे शाखा की टीम मुंबई–अहमदाबाद हाईवे पर पेट्रोलिंग कर रही थी। अचानक, उन्हें एक गुप्त सूचना मिली कि एक सिल्वर रंग की मारुति सुजुकी (MH04‑HK‑4272) कार दमण से मुंबई की दिशा में विदेशी शराब तस्करी कर रही है। सूचना मिलते ही तलासरी थाना हद के धुंदलवाड़ी इलाके में टीम गश्त पर निकल पड़ी। जैसे ही संदिग्ध गाड़ी दिखाई दी, पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया, लेकिन चालक ने पीछा छुड़ाते हुए कार तलासरी सर्विस रोड पर पलटकर रोक दी और भाग निकला।
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जब्त शराब और दर्ज मामला
घटनास्थल पर जब पुलिस कार के पास पहुंची, तो चौंकाने वाला दृश्य सामने आया, ₹1,19,232 मूल्य की विदेशी शराब की बॉक्स कैरिज के अंदर रखी थी। चोरी की इस गाड़ी में कुल मिलाकर ₹6,19,232 की तस्करी सामग्री बरामद हुई। पुलिस ने तुरंत मामला दारूबंदी अधिनियम 1949 की धारा 65(अ), (ई) के तहत दर्ज कर, गाड़ी समेत पदार्थ को जब्त किया। तलासरी थाने में यह मामला अपराध नंबर 154/2025 के तहत दर्ज किया गया है। मामले की जांच अब पोहवा थाने में तैनात अनिल सोनवणे देख रहे हैं, जिन्हें इस विशेष कार्य के लिए जिम्मेदार बनाया गया है।
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टीम की मेहनत और नेतृत्व की प्रेरणा
यह सफलता कहीं से भी आत्म-सराहना नहीं, बल्कि पुलिस की सतर्कता, साझा नेतृत्व और सहयोग की जीत है। इस अभियान में पुलिस निरीक्षक प्रदीप पाटील, संजय थांगड़ा, बजरंग अमनयाड और नरेश घटाल जैसे कर्मचारी, साथ ही अपर पुलिस अधीक्षक विनायक नरळे का मार्गदर्शन शामिल था। यह टीम न केवल एक गाड़ी से संबंधित घटना को सुलझाने में सक्षम हुई, बल्कि यह दिखाया कि कैसे पुलिस को सड़क पर सघन गश्त और नागरिक सूचना के संयोजन से बड़े अपराधों को रोका जा सकता है।
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जागरूक नागरिकता और सतर्क समाज का महत्व
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि जब पुलिस प्रशासन सतर्क होता है और नागरिक इसमें जिम्मेदारी निभाते हैं, तब अपराध की संभावनाएं नाकाम हो जाती हैं। अगर स्थानीय लोगों ने सूझबूझ दिखा कर गुप्त सूचना पुलिस को उपलब्ध कराई नहीं, तो यह तस्करी शायद अंजाम तक पहुंच जाती। यह हमें याद दिलाता है कि केवल कानून ही नहीं, बल्कि व्यक्ति की सामाजिक जागरूकता भी अपराध को रोकने में अहम भूमिका निभाती है।
पालघर पुलिस की यह कार्रवाई सिर्फ शराब की तस्करी रुकने का संदेश नहीं है, बल्कि यह उस जिम्मेदार प्रशासन का उदाहरण है जो कानून और समाज के बीच एक भरोसे की कड़ी बनकर खरा उतरता है। इस घटना ने स्पष्ट किया कि जब पुलिस और जनता हाथ मिलाकर काम करें, तो अपराधियों को बचने का कोई मौका नहीं रहता।
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