वसई-विरार

Palghar : आदिवासियों ने 250 एकड़ में शुरू की करेले की खेती

Palghar : हरी मिर्च,शिमला मिर्च,बैंगन टमाटर जैसी कई सब्जियों को उगाने के बाद अब पालघर के किसानों ने बड़े पैमाने पर करेले की खेती की शुरुआत की है।

पालघर में कई सब्जियों का उत्पादन किया जाता है। महाराष्ट्र में उगाई जाने वाली सब्जियों में जिले का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। हरी मिर्च,शिमला मिर्च,बैंगन टमाटर जैसी कई सब्जियों को उगाने के बाद अब पालघर के किसानों ने बड़े पैमाने पर करेले की खेती की शुरुआत की है।

मनोर के करीब एंबुर इलाके में 250 एकड़ जमीन में आदिवासियों ने करेले की खेती शुरू की है। जिससे करीब 30 से 40 टन करेले का रोजाना उत्पादन होने की उम्मीद है। पिछले साल अति दुर्गम भाग में स्थित ऐंबूर गांव में करीब 50 फीसदी किसानों ने करेले की बुवाई की थी।

किसानों को अच्छा मुनाफा हुआ था।इसे देखते हुए करीब डेढ़ सौ किसान करेले की खेती के लिए प्रेरित हुए और इस बार जंगल मे 250 एकड़ में करेले की फसल लहलहा रही है।करीब 10 दिनों में किसानों को करेले का उत्पादन मिलने लगेगा। किसानों की मांग है,कि पालघर में बढ़ती सब्जी की खेती को देखते हुए कृषि विभाग को इन्हें प्रेरित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने चाहिए। जिससे किसानों को ज्यादा से ज्यादा मुनाफा मिल सके।

किसानों का कहना है,कि कोरोना काल मे लोग स्वरोजगार की ओर प्रेरित हुए है। आज ऐंबूर गांव के डेढ़ सौ किसानों के परिवार के सभी सदस्य अपने-अपने खेतों में मेहनत कर अच्छी गुणवत्ता वाली करेले की फसल उगा रहे हैं। सरकार को करेले की खेती के लिए प्रेरित करने के लिए किसानों को आवश्यक उपकरण, उर्वरक, बीज और अन्य सामग्री अनुदान के रूप में किसानों को देनी चाहिए।

करेले के अच्छे उत्पादन के लिए गर्म और आद्र जलवायु अत्याधिक उपयुक्त होती है। फसल के लिए इसका तापमान न्यूनतम 20 डिग्री सेंटीग्रेट और अधिकतम तापमान 35 से 40 डिग्री सेंटीग्रेट के बीच होना चाहिए।

करेला की खेती का पिछले साल प्रयोग सफल होने के बाद इस बार गांव की 250 एकड़ जमीन पर करेली की खेती की जा रहा है। फसल से अच्छे उत्पादन के लिए किसान और उनके परिवार खेतों मे मेहनत कर रहे है। सरकार को गांव में एक सरकारी खरीदी केंद्र की शुरुवात कर करेले की खरीदी करनी चाहिए।

Show More

Related Articles

Back to top button