Rebellion Brewing in Mahayuti : भाजपा-शिंदेसेना ने 12 मौजूदा सांसदों को किया दरकिनार,अब बग़ावत एवं भितरघात रोकने की होगी चुनौती!
Rebellion Brewing in Mahayuti : भाजपा–शिंदेसेना गठबंधन ने कुल 12 मौजूदा लोकसभा सदस्यों को इस लोकसभा चुनाव में घर बैठा दिया है. अब दोनों पार्टियों के लिए चुनौती यह होगी कि उन्हें राजनीतिक तौर पर कैसे पुनर्वासित किया जाए. बड़ी संख्या में टिकट खारिज होने और निकट भविष्य में पुनर्वास की सीमित संभावना को देखते हुए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कुछ लोगों का पुनर्वास नही भी हो सकता है।
विधान परिषद के 11 सदस्यों का चुनाव जून में होगा. इन सीटों को विधानसभा से विधान परिषद में भेजा जाना है. सांसद टिकट के लिए अस्वीकृत किए गए लोगों में से कुछ को विधान परिषद में भेजा जा सकता है; लेकिन सवाल यह है कि क्या यह किसी तरह से पदावनति करना नहीं होगा और क्या यह उन लोगों को स्वीकार्य होगा जिन्हे घर बैठा दिया गया हैं. निश्चित तौर पर यह सम्मानजनक पुनर्वास नहीं कहा जाएगा.
चुनौती सम्मानजनक अवसर प्रदान करने की होगी
भाजपा के रवैये को रखते हुए जलगांव से सांसद उन्मेश पाटिल अब उद्धव सेना में शामिल हो गए हैं. संजय धोत्रे के बेटे अनुप अकोला सीट से उम्मीदवार थे. इस सीट से प्रीतम मुंडे की जगह उनकी बहन पंकजा मुंडे चुनाव लड़ रही हैं.
एकनाथ शिंदे,देवेन्द्र फड़णवीस लगातार यह कह रहे हैं कि जिन लोगों को अवसर नहीं दिया गया,उन्हें यूं ही नहीं छोड़ा जाएगा; लेकिन वास्तविक मौका देना इन शीर्ष नेताओं के लिए एक अग्नि परीक्षा होगी।
14 विधायक लड़ रहे हैं लोकसभा चुनाव
लोकसभा चुनाव में विधानसभा के 13 और विधान परिषद के एक विधायक मैदान में हैं. इनमें नीलेश लंके ने पाला बदल लिया है.
मुंबई के भायखला से शिंदेसेना विधायक यामिनी जाधव नामांकन पाने वाले आखिरी विधायक थे। वह साउथ मुंबई से लड़ रही हैं. उनके अलावा सुधीर मुनगंटीवार, संदीपन भुमरे, वर्षा गायकवाड़, विकास ठाकरे, प्रतिभा धानोरकर, राजू परवे, बलवंत वानखेड़े, रवींद्र धांगेकर, मिहिर कोटेचा, प्रणीति शिंदे, राम सातपुते और विधान परिषद सदस्य शशिकांत शिंदे ने 2024 लोकसभा के अखाड़े में प्रवेश किया है.
विकल्प क्या बचता है?
राज्यसभा की तीन सीटें भरी जा सकती हैं. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल मुंबई नॉर्थ से चुनाव लड़ रहे हैं, वह राज्यसभा के सदस्य हैं। यदि वह लोकसभा जीत जाते हैं, तो उनकी राज्यसभा सीट खाली हो जाएगी; लेकिन यह स्पष्ट है कि यह भाजपा को ही मिलेगा.अन्य दो सीटों पर अजित पवार गुट ने दावा किया है.
इसलिए भावना गवळी (यवतमाळ-वाशिम), कृपाल तुमाने (रामटेक), राजेंद्र गावित (पालघर), हेमंत पाटिल (हिंगोली) और गजानन कीर्तिकर (मुंबई उत्तर-पश्चिम) जिन्हें शिंदेसेना ने मौका नहीं दिया,उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
अगर यवतमाल-वाशिम में हेमंत पाटिल की पत्नी राजश्री पाटिल जीतती हैं तो सांसद उनके घर में ही रहेंगी.जो लोग लोकसभा से चूक गए उनमें से कुछ को छह महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारे जाने की संभावना है।
अजित पवार गुट का मामला सेट है!
प्रफुल्ल पटेल के इस्तीफे से खाली हुई एक राज्यसभा सीट और सतारा से उदयनराजे भोसले के जीतने पर खाली होने वाली राज्यसभा सीट की ‘बुकिंग’ अजित पवार गुट ने पहले ही करा ली है. अजित पवार ने एक इंटरव्यू में साफ कहा था कि अगर उदयन राजे लोकसभा के लिए चुने जाते हैं तो उनकी खाली हुई राज्यसभा सीट को भरने के लिए सतारा से उनके गुट के नेता को ही राज्यसभा में मौका मिलेगा.
अभी तक घर बैठाये गए कोई असंतुष्ट सांसद द्वारा सार्वजनिक बयानबाजी तो नहीं हुई है । लेकिन,असंतोष की अंदरूनी लहर क्या गुल खिलाएगी यह कहना मुश्किल होगा। विधानसभा चुनाव ज़्यादा दूर नहीं है, ऐसे में दोनों पार्टियों के टिकट न मिलने से असंतुष्ट सांसदों से भितरघात का खतरा तो बना ही रहेगा और इस पर सभी की निगाहें बनी रहेंगी कि एकनाथ शिंदे और देवेन्द्र फड़णवीस संभावित बग़ावत और भितरघात को रोकने में किस हद तक सफल हो पाएंगे!
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