पालघर जिले के वसई से बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक २० वर्षीय युवक को बाइक की मरम्मत के लिए ३० हजार रुपए की जरूरत थी, अपनी जरूरत पूरी करने के लिए युवक ने खुद के फर्जी अपहरण (Fake Kidnapping) का स्वांग रचा और अपने ही परिवार को परेशानी में डाल दिया।
वसई की वालीव पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया है कि एक २० वर्षीय युवक ने स्वयं की फर्जी अपहरण (Fake Kidnapping) की साजिश रची थी जिसे पुलिस ने नाकाम करते हुए युवक मात्र दो घंटों में मामले का पटाक्षेप करते हुए, युवक को हिरासत में ले लिया है।
पालघर की वसई पुलिस को वसई पूर्व के फादर वाड़ी क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति ने शिकायत दी कि उसका बेटा ७ दिसंबर को घर से निकला था और फिर घर वापस नहीं आया है।पुलिस ने इस मामले में ८ दिसंबर को गुमशुदगी का मामला दर्ज किया। इधर पुलिस मामले की जांच कर ही रही थी तभी युवक के पिता के मोबाइल पर युवक के मोबाइल से एक क्यूआर कोड आया और संदेश में लिखा था कि ३० हजार रुपए इसी क्यूआर कोड पर भेज दें। युवक ने लिखा कि उसका अपहरण हो गया है और किडनैपर ३० हजार रुपए मांग रहे हैं। फिरौती नहीं दी तो वो उसे जान से मार देंगे।
पुलिस मामले की जांच कर ही रही थी ऐसे में ये इनपुट पर पुलिस गंभीर हो गई और पुलिस ने चार टीमों का गठन किया और पुलिस युवक की तलाश में जुट गई। युवक की तलाश में जुटी पुलिस ने वसई, विरार और नालासोपारा शहर पर जगह जगह तलाशी अभियान चलाया।
थोड़ी ही देर में पुलिस को जांच में लीड मिलने लगी और युवक के वसई फाटा में होने की जानकारी मिली। पुलिस ने बेहद तत्परता से युवक के पास पहुंचने में कामयाब हो गई और युवक को हिरासत में ले लिया।
युवक से पूछताछ में मिली जानकारी साझा करते हुए पुलिस ने बताया कि वसई पूर्व के फादर वाड़ी इलाके का रहने वाले अंकित कुमार नन्हेलाल यादव, उम्र २० वर्ष, को अपनी बाइक की मरम्मत करानी थी और उसे ३० हजार रुपयों की सख़्त जरूरत थी। जिसके लिए उसने खुद के अपहृत होने (Fake Kidnapping) का नाटक रचा और घर से गायब हो गया।
जिसके बाद परिवार ने ७ दिसंबर को वालीव पुलिस स्टेशन में मिसिंग दर्ज कराई और उसको खोजते रहे।इधर अंकित ने ८ दिसंबर को दोपहर लगभग ४ बजे अपने चाचा के मोबाइल पर कॉल कर बताया कि किसी ने उसका अपहरण कर लिया है और ३० हजार रुपयों की मांग कर रहे हैं। (Fake Kidnapping)
ये जानकारी मिलते ही वालीव पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक जयराज रणवरे ने तत्काल चार टीमें बनाई और प्राप्त स्कैनर की जांच करानी शुरू की। टेक्निकल जांच में पाया कि यह क्यूआर स्कैनर वसई फाटा के किसी व्यवसाई का है। पुलिस ने व्यवसाई का नंबर निकला और उससे संपर्क किया।
मौके पर पहुंची टीम ने वहां जाल बिछाया और थोड़ी देर में युवक दुकान पर आया और व्यापारी से पैसे आए कि नहीं, ये जानकारी हासिल करने लगा तभी पुलिस ने युवक को हिरासत में ले लिए और पुलिस स्टेशन ले।आया जिसके बाद इस पूरे में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ।
उपरोक्त प्रदर्शन पुलिस उपायुक्त पूर्णिमा चौगुले-श्रृंगी, सहायक पुलिस आयुक्त विनायक नरले, वालिव के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक जयराज रणवरे, पुलिस निरीक्षक (अपराध) जिलानी सैयद, अपराध जांच शाखा के सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन सानप, पुलिस उप के मार्गदर्शन में किया गया। इंस्पेक्टर संदेश राणे, रंजीत नलावडे, गुरु दास मोरे, पुलिस कांस्टेबल मुकेश पवार, रूस्तम राठौड़, सतीश गांगुर्डे, बालू कुटे, विनायक राऊत, अभिजीत गढरी ने अंजाम दिया.