पालघर जिले के 899 गांवों में स्वच्छता सर्वेक्षण होगा, जिसमें सफाई, कचरा प्रबंधन और शौचालय सुविधाओं के आधार पर गांवों की रेटिंग की जाएगी।
पालघर, 1 जुलाई : जिले के 899 गांवों में जल्द ही स्वच्छता सर्वेक्षण होने जा रहा है। यह सर्वे स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण-2 के अंतर्गत “स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025” के लिए किया जा रहा है। इसका उद्देश्य हर गांव में स्वच्छता की स्थिति को मापना और उसी के आधार पर गांवों को रेटिंग देना है।
• क्या-क्या देखा जाएगा?
इस सर्वे में यह देखा जाएगा कि:
– गांव में कचरा प्रबंधन प्रणाली कैसी है
– सीवेज का बहाव सड़कों पर हो रहा है या नहीं
– प्लास्टिक और सूखे कचरे का अलग-अलग संग्रहण किया जा रहा है या नहीं
– सार्वजनिक शौचालय, स्कूल, मंदिर, आंगनवाड़ी जैसी जगहों की सफाई और उपयोग
– स्थानीय लोगों की सहभागिता और जन-जागरूकता
• 1000 अंकों का होगा मूल्यांकन
पूरे देश के 761 जिलों में यह सर्वे होगा और हर गांव को 1000 अंकों के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। गांवों के प्रदर्शन से जिले और राज्य की रैंकिंग भी तय होगी।
• ग्राम पंचायतों की भूमिका
जिला परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मनोज रानाडे और जल व स्वच्छता उप CEO अतुल पारस्कर ने कहा है कि ग्राम पंचायतों को स्थायी सफाई की व्यवस्था करनी होगी ताकि हर निरीक्षण में गांव साफ मिले।
• सर्वे का प्रभाव:
– ग्रामीणों में स्वच्छता की आदतें विकसित होंगी
– स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार
– पर्यटन और सरकारी योजनाओं का बेहतर उपयोग
– गांवों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा
स्वच्छता केवल एक दिन की नहीं, बल्कि लंबे समय की आदत बननी चाहिए। इस सर्वे से गांवों में न केवल साफ-सफाई बढ़ेगी, बल्कि एक शाश्वत स्वच्छता संस्कृति भी विकसित होगी।
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