Unauthorized Construction : बीट चेक पॉइंट्स से होगी अवैध निर्माणों पर निगरानी– कमिश्नर
एक बार फिर कसौटी पर मनपा अधिकारियों की निष्ठा,रणनीति और ईमानदारी ?
आयुक्त एवं प्रशासक अनिल कुमार पवार (Anil Kumar Pawar) ने वसई विरार महानगर पालिका क्षेत्र में अनाधिकृत निर्माण (Unauthorized Construction) को रोकने के लिए वार्ड समिति ‘सी’, ‘एफ’ और ‘जी’ में बीट चेकपॉइंट स्थापित करने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में प्रारंभ में वार्ड समिति ‘सी’, ‘एफ’ और ‘जी’ में दो-दो बीट पोस्ट स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इस पद पर कर्मचारियों की नियुक्ति तीन पालियों में की जाएगी। साथ ही यहां एमएसएफ गार्ड की नियुक्ति की जाएगी। यहां कर्मचारियों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी जैसे रजिस्टर, मोबाइल और लैंडलाइन फोन, कार्यालय में आवश्यक फर्नीचर, पेयजल इत्यादि की सुविधा जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
इन वार्डों में चौकियों पर दिए गए मोबाइल नंबरों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा और नागरिकों को अतिक्रमण (Unauthorized Construction) के संबंध में अपनी शिकायत उक्त संपर्क नंबर पर देनी होगी ताकि तत्काल कार्रवाई की जा सके.
इसी तरह इन पदों पर कर्मचारियों का मूवमेंट रजिस्टर भी रखा जाएगा। कर्मचारियों को अपने कार्यक्षेत्र में चल रहे अवैध निर्माण की रिपोर्ट सहायक आयुक्त को देनी होगी। सहायक आयुक्त को चल रहे अनाधिकृत निर्माणों (Unauthorized Construction) को अविलंब बेदखल करना है और निर्माणों को नोटिस देते हुए माननीय आयुक्त ने माननीय न्यायालय में कैविएट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.
इन चौकियों में नियुक्त कर्मचारियों को यह निगरानी करनी होगी कि उस वार्ड में कोई अनधिकृत निर्माण (Unauthorized Construction) न हो और यदि कोई अनधिकृत निर्माण होता हुआ पाया जाता है तो संबंधित वार्ड अधिकारियों को तुरंत एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी
इन चौकियों में नियुक्त कर्मचारियों को उन प्रभावों में अवैध निर्माण (Unauthorized Construction) रोकने की रणनीति पर काम करते हुए अगर अवैध निर्माण होने की जानकारी मिलती है तो उसकी रिपोर्ट तैयार करके संबंधित विभाग अधिकारी को देनी होगी ।
मनपा द्वारा बनाई गई इन चौकियों पर प्रभाग अधिकारी रोजाना उपस्थिति देंगे और उपायुक्त एक दिन छोड़कर दूसरे दिन उन चौकियों पर जाना होगा और अतिक्रमण विभाग के उपायुक्त को हफ्ते में दो बार जांच के लिए जाना होगा इसके अलावा अतिरिक्त आयुक्त हफ्ते में एक बार उन बीट चौकियों का दौरा करेंगे यह निर्देश महानगर पालिका आयुक्त अनिल कुमार पवार ने दिया है।
कारगर होगी रणनीति या फिर जनता पर एक और बोझ बन जाएंगी ये बीट चौकियां ?
महानगर पालिका प्रशासन द्वारा पूर्व में किए गए CUC यूनिट और अन्य अतिक्रमण दस्तों का बुरी तरह फेल होना एक प्रमाण है जो यह बताता है कि किसी भी विभाग की रणनीति कामयाब करने में उनके कर्मचारियों और उनकी टीम का एकमात्र योगदान होता है।
ऐसे में महानगर पालिका कमिश्नर ने एक नई पहल की है जिसमें महानगरपालिका पर अतिरिक्त खर्च भी आएगा और अधिकारियों का समय भी जाएगा। ऐसे में अगर यह रणनीति फेल होती है तो वह अतिरिक्त खर्च जनता पर एक और बोझ बन जाएगा।महानगर पालिका आयुक्त द्वारा लिए गए ऐसे कई निर्णय आज जनता पर बोझ बने हुए हैं जिसका सारा श्रेय निवर्तमान आयुक्तों और उनकी रणनीति और उनकी टीम में शामिल लोगों पर ही जाता है ।
कोरोना काल में उठाए गए ऐतिहासिक कदम के तहत बनाया गया हैंड सैनिटेशन स्टेशन लाखों के घोटाले का जीता जागता सबूत है। मनपा की CUC टीम और अतिक्रमण टीमों द्वारा समय-समय पर भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहे हैं।
पालघर जिले की एकमात्र महानगरपालिका वसई विरार शहर महानगरपालिका में भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हैं और इसी महानगरपालिका के अधिकारी सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते द्वारा रंगे हाथों पकड़े भी गए हैं। ऐसे बहुत से किस्से हैं जो महानगरपालिका तंत्र पर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे होने की गवाही देते हैं और उनकी मंशा पर सवालिया निशान खड़े करते हैं।बावजूद इसके वर्तमान आयुक्त द्वारा किया जा रहा है यह प्रयास उम्मीद की एक किरण है जिसका परिणाम आने वाले दिनों में अपेक्षित है।
पिछले कुछ महीनों में और कुछ सालों में कई ऐसे निर्णय हुए हैं जिन्हें सिर्फ इसलिए लाया गया था कि शहर में सुव्यवस्था, एक रणनीति के तहत लागू की जा सके लेकिन लगभग सभी निर्णय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते गए हैं और चढ़ते रहे हैं।
इसका मतलब साफ है कि महानगर पालिका आयुक्त की कोई भी रणनीति सफल होने और असफल होने के पीछे उनके मातहत कार्यरत अधिकारियों की मंशा, निष्ठा और ईमानदारी प्रमुख फैक्टर है जो एक बार फिर कसौटी पर है। अब देखना होगा कि वर्तमान आयुक्त की रणनीति उनके मातहत कर्मचारी सफल होने देते हैं या नहीं ।
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