सातारा, 16 मार्च 2025: केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास आठवले ने महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल शासक औरंगजेब की कब्र (Aurangzeb Tomb) को हटाने की बढ़ती मांग का समर्थन किया है। सातारा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस विवाद पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और दोनों उपमुख्यमंत्रियों को इस मुद्दे पर जल्द निर्णय लेना चाहिए ताकि राज्य में हिंदू-मुस्लिम समाज के बीच कोई विवाद न हो और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़े नहीं।
आठवले ने औरंगजेब को “नीच और क्रूर” बताते हुए कहा, “औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज की हत्या की थी। उसने पुणे जिले के वडू गांव में संभाजी महाराज के शव के टुकड़े फेंक दिए थे। इसके बाद महार समाज के गोविंद महारी ने उनके शव के टुकड़ों को इकट्ठा कर अंतिम संस्कार किया था। यह इतिहास हम सभी ने पढ़ा है।” उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘छावा’ के बाद औरंगजेब द्वारा छत्रपति संभाजी महाराज पर किए गए अत्याचारों को पूरे देश ने देखा, जिससे लोगों में गुस्सा भड़क उठा है।
केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग अब जोर पकड़ रही है, जो पिछले कई सालों में कभी नहीं देखी गई। उन्होंने कहा, “फिल्म ‘छावा’ ने लोगों के मन में संभाजी महाराज के प्रति सम्मान और औरंगजेब के खिलाफ आक्रोश को बढ़ाया है। इसलिए यह जरूरी है कि मुख्यमंत्री फडणवीस और दोनों उपमुख्यमंत्रियों (देवेंद्र फडणवीस के साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार) इस पर विचार करें और जल्द से जल्द कोई निर्णय लें।”
आठवले ने यह भी चेतावनी दी कि इस मुद्दे को सावधानी से संभालना होगा ताकि राज्य में सामाजिक सौहार्द बना रहे और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर कोई असर न पड़े। यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र में विभिन्न संगठन और राजनीतिक दल औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर मुखर हो रहे हैं। अब सबकी नजरें राज्य सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।
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