वसई–विरार में पांच दिवसीय गणपति विसर्जन सम्पन्न हुआ। 81% गणेश मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम सरोवरों में किया गया। नागरिकों ने पर्यावरण संरक्षण हेतु इस कदम का स्वागत किया और प्रशासन की तैयारियों की सराहना की।
वसई, 1 सितंबर: वसई–विरार महानगरपालिका क्षेत्र में रविवार, 31 अगस्त को पांच दिवसीय गणपति विसर्जन का समापन हुआ। इस दौरान पूरे महानगर क्षेत्र में भक्तिमय और भावनात्मक वातावरण देखने को मिला। खास बात यह रही कि इस वर्ष नगर निगम द्वारा तैयार किए गए कृत्रिम सरोवरों को नागरिकों ने बड़े पैमाने पर स्वीकार किया। कुल 8293 गणेश मूर्तियों में से 81 प्रतिशत यानी 6723 मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम सरोवरों में किया गया।
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पांच दिवसीय विसर्जन का लेखा-जोखा
पांच दिनों तक चले इस विसर्जन में कुल 7750 घरेलू और 543 सार्वजनिक मूर्तियों का विसर्जन हुआ। इनमें से घरेलू 6318 और सार्वजनिक 405 मूर्तियां कृत्रिम सरोवरों में विसर्जित की गईं। वहीं, प्राकृतिक जलस्रोतों जैसे घाट और जेट्टी पर घरेलू 1432 तथा सार्वजनिक 138 मूर्तियों का विसर्जन हुआ।
इस तरह, जहां कृत्रिम सरोवरों में कुल 6723 मूर्तियां विसर्जित हुईं, वहीं प्राकृतिक जलस्रोतों में केवल 1570 मूर्तियों का विसर्जन किया गया।
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वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
पूरे विसर्जन काल में महानगरपालिका के आयुक्त मनोज कुमार सूर्यवंशी के मार्गदर्शन में अतिरिक्त आयुक्त संजय हरवडे और दीपक सावंत ने संपूर्ण कार्यों की निगरानी की। इसके साथ ही, सभी उपायुक्त, सहायक आयुक्त, विभाग प्रमुख, अग्निशमन दल और अन्य कर्मचारी स्थल पर उपस्थित रहे। पुलिस प्रशासन और स्वयंसेवकों ने भी विसर्जन प्रक्रिया को व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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नागरिकों की प्रतिक्रिया
नगर निगम द्वारा की गई व्यवस्थाओं को लेकर नागरिकों ने संतोष व्यक्त किया और प्रशासन की सराहना की। नागरिकों का कहना था कि इस बार की व्यवस्था न केवल सुरक्षित थी बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से भी सराहनीय रही।
सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों, स्थानीय प्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी प्रशासन का सहयोग किया, जिससे पांच दिवसीय विसर्जन बिना किसी बड़ी अड़चन के सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
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पर्यावरण संरक्षण पर जोर
न्यायालय और राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए महानगरपालिका ने पर्यावरण–अनुकूल गणेशोत्सव के लिए कृत्रिम सरोवरों को प्राथमिकता दी। निगम का स्पष्ट संदेश है कि प्राकृतिक जलस्रोतों पर दबाव कम किया जाए और प्रदूषण रोका जाए।
दो दिन और पांच दिन के विसर्जनों में नागरिकों ने कृत्रिम सरोवरों का भरपूर उपयोग किया। आने वाले सात दिवसीय गौरी विसर्जन और अनंत चतुर्दशी विसर्जन के लिए भी आयुक्त मनोज कुमार सूर्यवंशी ने नागरिकों से अपील की है कि वे कृत्रिम सरोवरों को ही प्राथमिकता दें और प्रकृति को नुकसान पहुँचाने से बचें।
वसई–विरार महानगरपालिका क्षेत्र में इस वर्ष का पांच दिवसीय गणपति विसर्जन सुरक्षित, व्यवस्थित और पर्यावरण–अनुकूल रहा। 81 प्रतिशत मूर्तियों का कृत्रिम सरोवरों में विसर्जन होना प्रशासन और नागरिकों दोनों की जागरूकता का प्रमाण है।
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