पालघर : बीते पखवारे वसई विरार शहर के विरार ग्लोबल सिटी (Virar STP Plant Case) स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) में चार मजदूरों की मौत मामले में लापरवाही बरतने का मामला स्पष्ट हुआ है, जिस पर राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष ने ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और प्रत्येक मृतक आश्रितों को 30 रूपये लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
विदित हो कि विरार पश्चिम स्थित ग्लोबल सिटी के एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के 25 से 30 फीट गहरे टैंक में बीते 9 अप्रैल को चार लोग सफाई के लिए टैंक में उतरे थे, टैंक में ज़हरीली गैस मौजूद होने ले कारण दम घुटने से चार सफाईकर्मियों की मौत हो गयी थी। मृतकों में शुभम पारकर (28), अमोल घाटाल (27), निखिल घाटाल (24) और सागर तेंदुलकर (29) के नाम शामिल हैं.
इस गंभीर मामले (Virar STP Plant Case) का संज्ञान लेते हुए बीते मंगलवार को नई दिल्ली से राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष एम. वेंकटेशन ने घटनास्थल का दौरा किया।इसके बाद नगर पालिका मुख्यालय में विशेष समीक्षा बैठक हुई। जिसमें आयुक्त अनिल कुमार पवार,अतिरिक्त आयुक्त रमेश मनाले एवं संजय हेरवाडे, तहसीलदार डाॅ. अविनाश कोष्टी, पुलिस अधिकारी, ठेकेदार,मृतक के परिजन उपस्थित थे।
बैठक में उपस्थित मृतकों के परिजनों से आयोग की टीम ने बातचीत की, जिसमें पीड़ित परिवारों ने आयोग अध्यक्ष के समक्ष अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि ठेकेदार ने सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराया था जिसके कारण यह दुखद घटना हुई. बातचीत के बाद आयोग के अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, इस दौरान आयोग की टीम को ठेकेदार के रवैये से आभास हुआ कि ठेकेदार की ओर से मुआवजा देने में देरी हो सकती है इस पर आयोग के अध्यक्ष, आयुक्त, तहसीलदार ने ठेकेदार को किनारे कर दिया और आदेश दिया कि उन तक मदद समय पर पहुंचनी चाहिए।
हालांकि घटना के संबंध में ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है, वहीं आयोग ने पुलिस को अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है।चारों मृत व्यक्तियों के वारिसों को पॉलीकॉम के ठेकेदारों द्वारा 30-30 लाख रुपये दिये जायेंगे,शुक्रवार सुबह इन वारिसों को पांच-पांच लाख रुपये के चेक दिए जाएंगे। शेष राशि का निपटान 20 मई तक किया जाना चाहिए।यह आदेश आयोग ने दिया है।इस बैठक में यह भी कहा गया है कि उन्हें बच्चे की शिक्षा और कुछ अन्य योजनाओं का लाभ दिया जाना चाहिए।