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Shraddha Walker Case: वसई की श्रद्धा वालकर मामले में दो साल से न्याय का इंतजार

Shraddha Walker Case

वसई की श्रद्धा वालकर (Shraddha Walker Case) हत्या मामले में न्याय की प्रतीक्षा: दो साल बाद भी कोई नतीजा नहीं

Shraddha Walker Case, वसई, महाराष्ट्र: दो साल पहले दिल्ली में हुई वसई की श्रद्धा वालकर की हत्या ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। यह मामला अब तक न्यायालय में लंबित है, और श्रद्धा के परिजनों को न्याय की प्रतीक्षा में एक लंबा समय बीत चुका है। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चलने के बावजूद अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है, जिससे परिजनों और शुभचिंतकों में निराशा बढ़ती जा रही है।

श्रद्धा वालकर चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना

श्रद्धा की स्मृति को बनाए रखने और समाज में महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाने के उद्देश्य से, श्रद्धा के पिता नरेश वालकर ने “श्रद्धा वालकर चैरिटेबल ट्रस्ट” की स्थापना की है। इस ट्रस्ट का उद्देश्य महिलाओं और युवतियों के अधिकारों की रक्षा के लिए उन्हें मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करना है। ट्रस्ट की स्थापना के मौके पर वसई में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

उद्घाटन समारोह में प्रमुख हस्तियां शामिल

ट्रस्ट के उद्घाटन समारोह में भाजपा नेता किरीट सोमैया ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने श्रद्धा के पिता के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह ट्रस्ट समाज में महिलाओं के अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। समारोह में अधिवक्ता सीमा कुशल, पूर्व महापौर प्रवीण शिंदे, मनोज पाटिल और अन्य प्रमुख हस्तियां भी उपस्थित थीं।

न्याय की प्रतीक्षा में परिजनों का संघर्ष

श्रद्धा वालकर की हत्या ने देश भर में आक्रोश फैलाया था, और इसे लेकर कई विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। बावजूद इसके, दो साल बीत जाने के बाद भी श्रद्धा के परिजन न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। परिजनों ने न्याय प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला होने के बावजूद न्याय की प्रक्रिया में देरी हो रही है, जिससे उनके दुख और बढ़ रहे हैं।

महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों की दिशा में कदम

श्रद्धा वालकर चैरिटेबल ट्रस्ट का उद्देश्य न केवल महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना है, बल्कि उन्हें न्याय दिलाने के लिए कानूनी सहायता भी प्रदान करना है। ट्रस्ट के माध्यम से, श्रद्धा के पिता ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

न्याय की उम्मीद में आगे का रास्ता

श्रद्धा के परिजन और ट्रस्ट के सदस्य इस उम्मीद में हैं कि न्याय प्रणाली जल्दी से जल्दी इस मामले में कोई ठोस नतीजा निकालेगी और श्रद्धा को न्याय मिलेगा। इस बीच, ट्रस्ट समाज में महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के लिए अपने अभियान को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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