कैमरे के सामने कार्रवाई से क्यों है डर?
नालासोपारा : वसई विरार शहर मनपा क्षेत्र के विभिन्न प्रभागों में मनपा ने स्वच्छता मार्शल, ठेका पद्धति द्वारा अप्वाइंट किया है।जिस बारे में वसई विरार शहर महानगरपालिका ने अधिकृत तौर से वसई विरार शहर क्षेत्र वासियों को कोई जानकारी नहीं दी है।महानगर पालिका की इस कार्यशैली के कारण अब भोले भाले मासूम और गरीब वर्ग के लोगों का स्वच्छता के नाम पर शोषण किया जा रहा है।
नालासोपारा स्टेशन परिसर और तुलिंज पुलिस स्टेशन के आसपास ऐसे स्वच्छता मार्शल कार्रवाई के नाम पर लूट करके लोगों की जेब काटते देखे जा सकते हैं।बीते 15 दिनों में वैध मार्शलों के नाम पर अवैध मार्शल की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिनके पास ना तो यूनिफॉर्म है और ना ही आईडी।
स्वच्छता और साफ सफाई के नाम पर अगर देखा जाए तो नालासोपारा तूलिंज फ्लाई ओवर ब्रिज के नीचे कचरे का अंबार पड़ा रहता है। हास्यास्पद यह है कि इन्हीं कचरे के ढेर पर खड़े होकर यह स्वच्छता मार्शल लोगों से सफाई के नाम पर पैसों की लूट कर रहे हैं।
वसई विरार महानगर पालिका की कार्यशैली दोषपूर्ण की उपज हैं ये मार्शल, आइए जानते हैं कैसे ?
१ मनपा ने ठेका पद्धति से इन मार्शल को सड़कों पर तो उतार दिया पर इनके लिए क्या कायदे कानून हैं, ये ना तो इन मार्शलों को सिखाया गया है और ना ही जनता को इनके बारे में कोई जानकारी है।
२ जनता को इस बारे में ना तो कोई सूचना दी गई है और ना ही लोगों को इनके दंड या प्रक्रिया के बारे में अवेयर ही किया गया।
३ कथित स्वच्छता के नाम पर ये मार्शल लोगों का शोषण और मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं।जिससे जनता के अपने अधिकार वॉयलेट हो रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि मनपा ने इन मार्शल की कार्यशैली को मॉनिटर करने के लिए क्या इंतजामात किए हैं?
४ कार्यशैली ऐसी कि बदतमीजी पर उतरे,मार्शल रूपी गुंडों की टोली को लोगों से कैसे व्यवहार और बर्ताव रखना है इसकी कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई है?
५ मार्शल द्वारा दंड वसूलने के बाद इनका रिपोर्टिंग सिस्टम क्या है ?
अगर ये मार्शल किसी को दंडित करते हैं तो उसकी SOP क्या है, दंडित किए गए लोगों की प्राइवेसी को लेकर क्या नियम बनाया गए है?सड़कों पर वसूली कर रहे ये मार्शल,लोगों के लिए लुटेरे और डकैत साबित हो रहे हैं।आखिर SOP क्यों नहीं बनाई गई ?
दिखाते हैं पुलिस का डर
राज चलते आम नागरिक,जो पान गुटखा खाए तो जरूर रहते हैं पर थूकते नहीं,ऐसे लोगों को भी ये मार्शल अपना शिकार बनाकर उनसे पैसे लूटने का कार्य सारा दिन करते हैं।
इस बात की कई वीडियो फुटेज और तथ्य मौजूद हैं जो पुलिस में दी जी है।आम तौर पर स्टेशन की ओर दौड़ लगाते अपने गंतव्य की ओर जल्दी से पहुंचने की जल्दी में बोलो अपने साथ हुए अत्याचार की पुलिस में शिकायत तक नहीं कर पाते क्योंकि उन्हें डर रहता है कि पुलिस के पचड़े में पड़ने के बाद उनकी ट्रेन छूट जाएगी जिससे उनके 1 दिन की पगार भी जाएगी।
नालासोपारा पूर्व कि तुलिंज पुलिस स्टेशन फ्लाईओवर ब्रिज के आसपास घात लगाए खड़े यह स्वच्छता मार्शल लोगों पर गिद्ध सी नजर रखते हैं। मौका मिलते ही शिकार की गर्दन दबोच कर उसे एक जगह ले जाकर चारों तरफ से घेर लिया जाता है और उसके बाद उससे पैसे 8:00 लिए जाते हैं जिसमें अधिकतर मामलों में रसीद भी नहीं दी जाती है। अगर किसी के पास पैसे नहीं होते तो यह उसे पुलिस स्टेशन की तरह घसीट कर ले जाते हैं और पुलिस कार्रवाई का डर दिखाते हैं जिसके लिए उन्होंने अपना डराने वाला बैनर भी पुलिस स्टेशन पर चिपका रखा है।
कैमरे के सामने असहज क्यों?
नालासोपारा ब्रिज के नीचे मीडिया के कैमरों से यह कथित मार्शल बच कर अपनी गतिविधि चलाना चाहते हैं। जब मीडिया के कैमरे से सामना होता है तो यह सारे के सारे एक जगह जमा होकर कार्रवाई रोक देते हैं ।
सवाल यह उठता है कि आखिर यह मार्शल ऐसा कौन सा काला धंधा करते हैं जो कि मीडिया के कैमरे के सामने नहीं कर पाते और अपना काम रोक देते हैं। साफ जाहिर होता है कि यह कथित मार्शल सिर्फ और सिर्फ अपने अपनी जेब भरने के लिए ही लोगों के जेब पर डाका डालते हैं।
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देखा गया है कि बी प्रभाग के मार्शल बी और ई प्रभाग में भी पैसे वसूलते नजर आते हैं। जोकि सरासर गलत और अन्याय पूर्ण है। और तब जबकि स्वच्छता मार्शल अपने मेन मोटिव सफाई अभियान को भूलकर जेब कतरे का काम कर रहे हैं ऐसे में इन पर लगाम लगाने की बेहद आवश्यकता है।