Loan Fraud Mumbai : लोन के नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा, 7 आरोपी गिरफ्तार, CA निकला सरगना
मीरा भायंदर वसई विरार आयुक्तालय (MBVV) अंतर्गत नालासोपारा स्थित अचोले पुलिस स्टेशन की डिटेक्शन ब्रांच की टीम ने एक बड़े जालसाज़ गिरोह (Loan Fraud) का भंडाफोड़ करते हुए मामले में करोड़ों का मालमत्ता जब्त करने और आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
पुलिस टीम ने फर्जी बैंक एनओसी बनाने और लोन पर महंगी कारें अन्य राज्यों में बेचने के आरोप में अंतर्राज्यीय गिरोह को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से 2 करोड़ से अधिक कीमत की 12 कारण बरामद की हैं। यह पूरी कार्रवाई एमबीवीवी पुलिस आयुक्तालय के पुलिस कमिश्नर मधुकर पांडेय व अतिरिक्त पुलिस आयुक्त श्रीकांत पाठक के आदेशानुसार डीसीपी (परिमंडल 2) पौर्णिमा चौघुले-श्रृंगी व एसीपी उमेश माने-पाटील के मार्गदर्शन में अचोले पुलिस स्टेशन के सीनियर पीआई बालासाहेब पवार, पीआई विवेक सोनवणे (अपराध) व पीआई विजय चव्हाण के नेतृत्व में जंक्सन5 टीम सपोनि यशपाल सूर्यवंशी व पोउपनि सुहास म्हात्रे की टीम ने की है।
पुलिस अधिकारी ने प्रेस वार्ता के माध्यम से जानकारी देते हुए कि बीते 28 सितंबर 2023 को शिकायतकर्ता ने शिकायत दर्ज (अचोले पुलिस स्टेशन ) कराई कि,अक्टूबर 2022 में मामले के मास्टर माइंड राहुल शाह ने खुद को बैंक का सीए बताया और कहा कि वह बैंकों का ऑडिट कर रहा है।शिकायतकर्ता के किराना दुकान व्यवसाय के लिए 2,00,00,000 (2 करोड़ रुपये) का ऋण स्वीकृत करके देता हूँ.यह कहते हुए कि,उसके व्यवसाय की जानकारी तथा दुकान के दस्तावेज प्राप्त कर, शिकायतकर्ता का विश्वास प्राप्त कर विभिन्न बैंकों में उससे ऋण स्वीकृत कराने के लिए उसका बैंक आवेदन पत्र भरवा कर उस दस्तावेज को महंगी कार खरीदने के लिए बैंक में जमा कर दिया।
शिकायतकर्ता व उसकी पत्नी के नाम से कंपनी की महंगी कार खरीद कर फर्जी दस्तावेज व फर्जी मेल के जरिए दूसरे बैंक से लोन (Loan Fraud) स्वीकृत करा लिया। शिकायतकर्ता को उक्त कार की अभिरक्षा दिये बिना उनसे कुल 2,84,49,000 रुपये की धोखाधड़ी की गई। जिंसके बाद आचोले पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ कलम 406,420,465,467,471,120 (बी) के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया व जांच शूरू कर दी।पुलिस अधिकारी ने कहा कि,जैसा कि ऊपर बताया गया है,महंगी कार खरीदकर 2,84,49,000 रुपये की धोखाधड़ी करने के संबंध में मामला दर्ज होने के बाद और अंतर्राज्यीय धोखाधड़ी गिरोह की संभावना होने पर अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उक्त अपराध की जांच की जानी चाहिए।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश एवं मार्गदर्शन के तहत शीघ्रता से प्रकाश में लाया जाए एवं अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के निर्देश डिटेक्शन ब्रांच के अधिकारी व कर्मचारियों को दिए गए।तदनुसार, डिटेक्शन ब्रांच के अधिकारी गुप्त मुखबिरों और तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से फरार अभियुक्तों की तलाश कर रहे थे।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि,उक्त अपराध का मुख्य अभियुक्त जिसका नाम राहुल गिरीश शाह है,फर्जी आधार कार्ड का उपयोग करके और उस पर अपना नाम बदलकर अपने अस्तित्व को छुपा रहा था और सबूत नष्ट कर रहा था और कर्नाटक, पश्चिम बंगाल,दिल्ली और नेपाल जैसे विभिन्न राज्यों में आलीशान होटलों में रह रहा था। इसलिए आरोपी का पता नहीं चल सका,तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से अभियुक्त के विरुद्ध साक्ष्य प्राप्त करते हुए यह सुनिश्चित किया गया कि उक्त अभियुक्त होटल मेलुहा द फर्न,पवई मुंबई में रह रहा था।
जब उक्त होटल में अभियुक्त की तलाश की गई तो पता चला कि वह सुरेश गोपाल भगत के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनाकर रह रहा था.3 फरवरी को उक्त अभियुक्त को उक्त होटल से हिरासत में लेकर उक्त अपराध में गिरफ्तार किया गया।उक्त अभियुक्त के पास अलग-अलग व्यक्तियों के नाम से 8 सिम कार्ड हैं, नेपाल देश का 1 सिम कार्ड,2 लैपटॉप,1 आई पैड 9 मोबाइल एवं फर्जी नाम पर 3 आधार कार्ड कुल कीमत 3,34,000 रूपये बरामद किये गये।वहीं आरोपियों के पास फेडरल बैंक और टीएनबी की फर्जी एनओसी मिली है।पुलिस अधिकारी ने कहा कि,जांच के दौरान अभियुक्त बैंक में मुझे अच्छी तरह से जानने का दिखावा करेगा और उनसे कहेगा कि मैं तुम्हें लोन दूंगा और उनका विश्वास हासिल कर उनसे लोन से संबंधित जरूरी दस्तावेज हासिल कर.
उक्त दस्तावेज को लगभग 10 से 15 बैंकों में जमा करने के बाद शिकायतकर्ता की एक फर्जी ईमेल आईडी बनाकर उसके आधार पर शिकायतकर्ता के नाम पर परस्पर महंगी कंपनी की कारें खरीद लीं और शिकायतकर्ता का फर्जी पता देकर उक्त कार खरीद ली और कार की आरसी बुक और उक्त कार की आरसी बुक मिलने से पता चला है कि बैंक कम लोन से संबंधित फर्जी एनओसी तैयार कर आरटीओ में जमा कर कारों को अन्य राज्यों में बेच रहा है,ऐसा खुलासा हुआ।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि,उक्त अपराध में अभियुक्त (1).राहुल ऊर्फ सचिन ऊर्फ सौरभ गिरीष शहा (41), (2). विजय सुरजमनी सिंह (49) व्यवसाय- रियल एस्टेट एजेंट, (3).भिकाजी ऊर्फ उमेश बबन गोपाले,(4).मोहम्मद नजर मो.जाफर खान (40),व्यवसाय-ज़ोमैटो डिलीवरी,(5).प्रविण ऊर्फ राणु हुकूमचंद जैन (34),व्यवसाय-खरीद बिक्री,(6).आकाश धोंडीभाऊ मुसले (25) और (7).विवेक रामदास करंडे (25),ऐसे कुल 7 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से कुल 12 महंगी कारें और जिनकी कीमत 2,34,53,302 रुपये का माल बरामद किया गया है।
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