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2024 Loksabha Election : एक अनोखा उम्मीदवार जिनकी दो पत्नियां कर रही हैं चुनाव प्रचार!

2024 Loksabha Election : कुर्सी के लिए नेता ना जाने कितने साल कड़ी मेहनत करता है, बड़ी मुश्किल से कुर्सी पर बैठने का मौका मिलता है.शायद ऐसे ही लोगों के लिए इकबाल ने लिखा था- ‘हजारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है’!

पुत्र,पिता,पति और पत्नी को चुनाव में एक-दूसरे के लिए प्रचार करते तो आपने देखा और सुना होगा, लेकिन गुजरात की एक ऐसी लोकसभा सीट है, जहां पर एक पति के लिए 2-2 पत्नियां चुनावी मैदान में मोर्चा संभाल रखी हैं.

यह अद्भुत संयोग गुजरात के भरूच लोकसभा सीट पर देखने को मिल रहा है जहां अपने पति और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार चैतर वसावा के लिए उनकी दो पत्नियां शकुंतला और वर्षा चुनाव प्रचार कर रही हैं.

आदिवासी बाहुल्य इस सीट पर चैतर पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. चैतर की राह को आसान करने के लिए उनकी दोनों पत्नियां भरूच में घर-घर प्रचार में लगी हैं. एक तरफ चैतर वसावा जहां पुरुष और युवा वोटरों से मिलकर अपनी बात रख रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी पत्नियां महिला मतदाताओं को साधने में जुटी हैं.

भरूच से उम्मीदवार चैतरभाई वसावा का परिचय

चैतरभाई वसावा वर्तमान में आम आदमी पार्टी के गुजरात इकाई में कार्यकारी अध्यक्ष हैं. चुनावी हलफनामे के मुताबिक चैतर पर 10 मुकदमे दर्ज हैं. इनमें अधिकांश मुकदमे 2021 और 2022 में दर्ज किए गए हैं.

विधानसभा चुनाव में पहली बार बटोरी थी सुर्खियां

चैतर वसावा की दोनों पत्नियां विधानसभा चुनाव के दौरान पहली बार सुर्खियों में आई थीं. चैतरभाई वसावा आम आदमी पार्टी  के चुनाव चिन्ह पर डेडियापारा सीट पर मैदान में उतरे थे. तब  चैतर की मदद के लिए उनकी दोनों पत्नियों ने कमान संभाल रखी थी.

चैतर यह चुनाव 40 हजार वोट से जीतने में सफल रहे. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के हितेश कुमार को हराया था. बीजेपी भरूच में एक मात्र यही सीट हारी थी. विधानसभा चुनाव जीतने के बाद ही चैतर लोकसभा की तैयारी करने लगे. इसी बीच उन पर वन विभाग के कर्मचारियों ने एफआईआर करा दी. चैतर इस केस में कई महीने जेल में रहे.

भरूच सीट पर आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है. आदिवासी बाहुल्य यह सीट कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल की वजह से जाना जाता था.

चैतरभाई वसावा की दोनों पत्नियों का परिचय

चैतर की दोनों पत्नियां शकुंतला और वर्षा न सिर्फ साथ ही रहती हैं, बल्कि एक टीम के रूप में काम करती हैं। वसावा ने करीब 14 साल पहले शकुंतला से पहली शादी की थी और दो साल बाद वर्षा को भी पत्नी बनाकर घर ले आए। आदिवासी समुदाय में दो शादी करने की अनुमति है।

क्या है भरूच लोकसभा सीट का समीकरण?

यह लोकसभा नर्मदा, वड़ौदरा और भरूच जिले के कुछ हिस्सों को काटकर बनाया गया है. इस लोकसभा में विधानसभा की कुल 7 सीटें हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक यहां पर 15 लाख से अधिक मतदाता हैं.

जातीय समीकरण की बात की जाए तो यहां 38 प्रतिशत आदिवासी मतदाता हैं. इसके बाद पटेल और मुस्लिम वोटरों का यहां पर वर्चस्व है. भरूच लोकसभा में 17 प्रतिशत मुसलमान हैं.

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