मुंबई की हार्बर लाइन पर युवक की पटरी पार करते समय ट्रेन से कटकर मौत हो गई। हादसे से रेल सेवाएं बाधित रहीं और यात्रियों को भारी परेशानी हुई।
मुंबई की लोकल ट्रेन सेवा एक बार फिर एक दुखद हादसे की वजह से प्रभावित हुई। बुधवार सुबह हार्बर लाइन पर चेंबूर और तिलक नगर के बीच एक 25 वर्षीय युवक की मौत हो गई। यह हादसा उस वक्त हुआ जब वह युवक रेलवे ट्रैक पार कर रहा था।
• हादसे का पूरा घटनाक्रम
बताया गया कि युवक ट्रेन की पटरियां पार कर रहा था, उसी दौरान एक लोकल ट्रेन वहां से गुजर रही थी और वह उसकी चपेट में आ गया। ट्रेन के पहिए में युवक का शव फंस गया, जिससे ट्रेन चेंबूर और तिलक नगर के बीच काफी देर तक खड़ी रही।
जब ट्रेन मानखुर्द स्टेशन पहुंची, तब यह पता चला कि युवक के कपड़े अभी भी ट्रेन में फंसे हुए थे। इसके बाद ट्रेन को फिर से मानखुर्द स्टेशन पर रोकना पड़ा। इस पूरी घटना ने हार्बर लाइन की रेल सेवाओं को घंटों तक बाधित कर दिया।
• सेवाएं ठप, यात्रियों की भीड़
इस हादसे के चलते कई लोकल ट्रेनें या तो रद्द कर दी गईं या काफी देर से चलीं। नतीजतन, चेंबूर, तिलक नगर, मानखुर्द सहित कई स्टेशनों पर भारी भीड़ जमा हो गई। ऑफिस जाने वाले यात्रियों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा।
• रेलवे ट्रैक पार करने की समस्या
रेलवे की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2021 से मई 2025 तक, पश्चिम और मध्य रेलवे में कुल 10,239 लोगों की मौत हुई है, जिनमें बड़ी संख्या में लोग ट्रैक पार करते वक्त हादसे का शिकार हुए।
मध्य रेलवे में पटरी पार करते वक्त 3,151 यात्रियों की मौत हुई। वही पश्चिम रेलवे में यह आंकड़ा 1,970 यात्रियों का है।
• रेलवे की कोशिशें
– रेलवे प्रशासन इस गंभीर समस्या को हल करने के लिए कई प्रयास कर रहा है:
– स्टेशनों पर फुट ओवरब्रिज और स्लाइडिंग सीढ़ियों का निर्माण किया जा रहा है।
– पटरियों के दोनों ओर सेफ्टी नेट और सुरक्षा दीवारें (सिक्योरिटी वॉल) लगाई जा रही हैं।
– यात्रियों को पटरियों से न गुजरने की सख्त सलाह दी जाती है।
– स्टेशनों पर लगातार अनाउंसमेंट के ज़रिए भी जागरूकता फैलाई जा रही है।
यह हादसा एक बार फिर यही बताता है कि रेलवे ट्रैक पार करना कितना खतरनाक हो सकता है। यात्रियों से अपील है कि वह जल्दबाज़ी में जान जोखिम में न डालें और केवल तय रास्तों जैसे फुट ओवरब्रिज या अंडरपास का ही उपयोग करें। रेल प्रशासन भी इस दिशा में लगातार काम कर रहा है, लेकिन जनता का सहयोग ही सबसे ज़रूरी है।
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